किसानों ने उठाई बैतल नाले की मांग
अंबाला (सच कहूँ न्यूज)। Barara News: बराड़ा क्षेत्र के कई गांवों में बाहरी पानी भर जाने से सैकड़ों एकड़ खेत जलमग्न हो गए हैं। धान और गन्ने की खड़ी फसल बर्बादी की कगार पर है। समस्या से परेशान किसानों ने सोमवार को बराड़ा एसडीएम को ज्ञापन सौंपते हुए मुख्यमंत्री से तत्काल हस्तक्षेप की अपील की। गांव राजाखेड़ी निवासी करमजीत सिंह सैनी ने बताया कि मौजगढ़ से आने वाला बरसाती पानी रेलवे लाइन के नीचे से गुजरकर सज्जन माजरी तक पहुंच रहा है। वहां से यह पानी तेज़ बहाव के साथ राजोखेड़ी, सुभरी और उगाला तक खेतों में भर गया है। Ambala News
किसानों का कहना है कि धान की पुरानी फसल की जड़ें सड़ रही हैं, जबकि नई पौध पूरी तरह डूब चुकी है। गन्ने की फसल भी नुकसान की स्थिति में है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पहले बराड़ा से राजोखेड़ी तक कई पुलिया थीं, जिनसे पानी का प्रवाह अलग-अलग दिशा में चला जाता था, लेकिन अब अधिकांश बंद हैं। केवल सज्जन माजरी के सामने दो पुलिया चालू हालत में हैं, जो जलभराव का कारण बन रही हैं। किसानों ने मांग की है कि बंद पुलियों को तुरंत खोला जाए ताकि खेतों से पानी निकाला जा सके। Ambala News
किसानों ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि बराड़ा से होकर गुजरने वाला बैतल नाला 1965-66 में बंद कर दिया गया था। पहले यह नाला मौजगढ़, राजोखेड़ी, सुभरी, उगाला और अब्दुल्लागढ़ होते हुए कुरुक्षेत्र तक पानी ले जाता था। उनका कहना है कि यदि इसे फिर से चालू किया जाए तो बराड़ा और आसपास के गांवों को हर साल आने वाली बाढ़ जैसी स्थिति से राहत मिल सकती है। Ambala News
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