Body Donation: मेडिकल रिसर्च हेतू मरणोपरांत रजनी इन्सां का शरीर दान

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Body Donation: मेडिकल रिसर्च हेतू मरणोपरांत रजनी इन्सां का शरीर दान

महर्षि मारकंडेय की धरती की रजनी इन्सां का शरीर आएगा मेडिकल रिसर्च के काम

  • इन्सानियत के काम आएगी रजनी इन्सां की पार्थिव देह

कुरुक्षेत्र (सच कहूँ/देवीलाल बारना)। Body Donation: जिस धरा को महर्षि मारकंडेय ने तप कर अपनी तपोस्थली बनाया। उसी धरा पर रजनी इन्सां ने अपने शरीर का दान कर महायोद्धाओं की श्रृंखला में अपना नाम दर्ज करवा लिया है। जी हां, बात कर रहे हैं शाहाबाद मारकंडा के माजरी मोहल्ला निवासी रजनी इन्सां की, जिनकी मृत्यु के उपरांत उनकी पार्थिव देह को परिजनों द्वारा चिकित्सा शोध के लिए दान किया गया है। 37 वर्षीय रजनी इन्सां की बुधवार देर रात्रि लंबी बीमारी के बाद मृत्यु हो गई थी। रजनी व उनका पूरा परिवार डेरा सच्चा सौदा से जुड़ा हुआ है और पहले से ही रजनी ने मृत्यु के उपरांत शरीरदान का फार्म भरा हुआ था। Body Donation

ऐसे में परिजनों ने उनकी इच्छा के अनुसार गुरुवार सुबह उनके शरीर का दान किया गया है। रजनी इन्सां के शरीर को लखनऊ के करियर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साईंस एंड हॉस्पिटल में भेजा गया है। इस मौके पर डेरा सच्चा सौदा के 85 मैंबर ओमप्रकाश इन्सां, विक्रम इन्सां, पूर्व पार्षद सुखविंद्र सिंह, प्रेमी सेवक रामेश्वर खरींडवा, शहर के प्रेमी सेवक डिंपल व मुकेश बत्रा, बचना राम इन्सां, बलजीत लंडी, ओमप्रकाश मोहड़ा, अमीलाल धनौड़ा, मांगेराम व सैंकड़ों की संख्या में शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर कमेटी के सेवादार, रिश्तेदार, परिजन व स्थानीय लोग मौजूद रहे।

रजनी इन्सां अमर के नारों से गूंज उठा शाहाबाद | Body Donation

गुरुवार को जैसे ही रजनी इन्सां की पार्थिव देह को एंबुलेंस के माध्यम से मेडिकल कॉलेज के लिए ले जाया जा रहा था तो मौके पर उपस्थित शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर कमेटी के सेवादारों, परिवार व रिश्तेदारों व स्थानीय लोगों के रजनी इन्सां अमर रहे के नारों से शाहाबाद गूंज उठा। इस दौरान सभी उपस्थित जनों ने एंबुलेंस के साथ-साथ मानव श्रृंखला में चलकर अंतिम विदाई दी। इस दौरान हर कोई रजनी इन्सां व इस परिवार के मानवता हित के कार्य की सराहना कर रहा था व शरीरदानी रजनी इन्सां को नमन कर रहा था।

नन्ही बेटियों ने दिया कंधा

रजनी इन्सां अपने पीछे दो बेटियों व एक बेटे के अलावा पति नसीब इन्सां को छोड़ गई हैं। इस दौरान नन्ही बेटियों ने रजनी इन्सां की अर्थी को कंधा देकर उन्हे अंतिम विदाई दी और बेटियों ने अपनी माँ के फैसले पर गर्व करते हुए कहा कि उन्हे गर्व है अपनी माँ पर, जिन्होने छोटी उम्र में ही इन्सानियत के लिए इतना बड़ा कदम उठाया है। वहीं रजनी के पति नसीब इन्सां ने बताया कि पिछले कुछ समय से रजनी इन्सां कैंसर से पीडित थीं।

बुधवार देर रात्रि उन्होने बोलते बोलते ही अपने प्राण त्याग दिए। वे मृत्यु से पहले कई बार कहती थीं कि मरणोपरांत उसके शरीर का दान किया जाए ताकि वह मरणोपरांत भी इन्सानियत के काम आ सके। नसीब ने बताया कि रजनी इन्सां जीते जी भी सेवा कार्यों में व्यस्त रहती थीं। बता दें कि नसीब इन्सां पेंटर है।

डेरा श्रद्धालु लगातार कर रहे मरणोपरांत शरीदान: ओमप्रकाश

डेरा सच्चा सौदा के 85 मैंबर मा. ओमप्रकाश व सुखविंद्र इन्सां ने बताया कि डेरा सच्चा सौदा के पूज्य गुरु जी की शिक्षाओं के पर चलते हुए लगतार डेरा श्रद्धालु शरीरदान कर रहे हैं। अब तक जहां लगभग ढाई हजार श्रद्धालुओं का मरणोपरांत परिवार की स्वेच्छा से मेडिकल शोध के लिए शरीरदान हो चुके हैं। उन्होने कहा कि इस मुहिम के बाद मेडिकल कॉलेजों में मेडिकल रिसर्च आसान हो गई है। Body Donation

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