‘संगीत तरंग’ राष्ट्रीय समूह गान प्रतियोगिता का भव्य आयोजन
- भारत विकास परिषद (मुख्य शाखा) की पहल पर हुआ सांस्कृतिक समारोह, छात्राओं ने दिखाया देशभक्ति का जज़्बा
गाजियाबाद (सच कहूँ/रविंद्र सिंह)। Ghaziabad News: भारत विकास परिषद, गाजियाबाद (मुख्य शाखा) द्वारा ‘राष्ट्रीय समूह गान प्रतियोगिता, संगीत तरंग’ का भव्य आयोजन जानकी भवन, रामलीला मैदान, कविनगर में अत्यंत हर्षोल्लास और गरिमामयी वातावरण में संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम में अपर जिलाधिकारी प्रशासन रण विजय सिंह सपत्नीक मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। विशिष्ट अतिथियों में इंजी. अरुण कुमार गुप्ता (पूर्व शाखा अध्यक्ष) और ए.के. गुप्ता (डायरेक्टर, फार्मा सिंथ फार्मूलेशन लिमिटेड) की उपस्थिति रही। Ghaziabad News
कार्यक्रम में प्रांतीय प्रभारी निधि गोयल ने भी अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराई।कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और राष्ट्रीय गीत ‘वंदेमातरम’ के सामूहिक गायन से हुई। इसके बाद शाखा की मातृशक्ति द्वारा श्री हनुमान चालीसा का पाठ किया गया। शाखा अध्यक्ष एडवोकेट अक्षय कुमार भारद्वाज (जिला शासकीय अधिवक्ता) ने स्वागत भाषण में सभी अतिथियों का अभिनंदन किया।कार्यक्रम का सफल मंच संचालन एड. भव्य गौड़ भवानी और इंजी. प्राची जैन ने एड. योगेश गुप्ता के मार्गदर्शन में किया।
प्रतियोगिता में गाजियाबाद के 5 प्रमुख विद्यालयों की छात्राओं ने भाग लिया। निर्णायक मंडल ने गायन की तकनीकी और सांगीतिक बारीकियों को ध्यानपूर्वक मूल्यांकन किया। प्रतियोगिता परिणाम इस प्रकार रहे,प्रथम स्थान: सुशीला देवी विद्यालय, द्वितीय स्थान: देहरादून पब्लिक स्कूल, तृतीय स्थान पर कन्या वैदिक विद्यालय रहा। विजेता टीमों को शील्ड, प्रमाणपत्र और मेडल प्रदान किए गए। इसके अतिरिक्त सभी प्रतिभागियों को सांत्वना पुरस्कार स्वरूप मेडल और प्रमाणपत्र भी दिए गए। साथ ही, विद्यार्थियों के साथ आई शिक्षिकाओं को भी स्मृति चिन्ह भेंट किए गए।
संस्कार, संस्कृति और प्रेरणा का मिला संदेश | Ghaziabad News
मुख्य अतिथि एडीएम (प्रशासन) रण विजय सिंह ने बच्चों को अपने सनातन संस्कारों को जानने और आत्मसात करने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि आज के समय में माता-पिता की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है, जो बच्चों को संस्कृति और मूल्यों से जोड़ सकती है। उन्होंने पूरे कार्यक्रम में उपस्थित रहकर बच्चों का उत्साहवर्धन किया।
कार्यक्रम के अंत में सभी को राष्ट्रीय गान के साथ स्वरुचि भोज कराया गया। सभी अतिथियों और सहभागियों ने आयोजन की भूरि-भूरि प्रशंसा की और भारत विकास परिषद की इस पहल को सांस्कृतिक चेतना का सशक्त मंच बताया।
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