
कैराना (सच कहूँ न्यूज़)। Kairana Ramlila News: कस्बे के गौशाला भवन में चल रही श्रीरामलीला महोत्सव के तीसरे दिन की लीला का शुभारंभ समाजसेवी प्रमोद गोयल द्वारा दीप प्रज्वलित करके किया गया। श्रीरामलीला मंचन के दौरान दिखाया गया कि महाराज दशरथ अपने मंत्री सुमंत और गुरु वशिष्ठ के साथ अपने महल में बैठे है। इसी समय श्रवण कुमार महाराज दशरथ से मिलने के लिए आते है। गुरु वशिष्ठ श्रवण कुमार को बताते है कि तुम्हारे माता-पिता जन्म से अंधे नहीं हैं, बल्कि तुम्हें प्राप्त करने के लिए उन्हें अंधा होना पड़ा था। Kairana Ramlila News
इस पर श्रवण कुमार बेहद परेशान होते हैं और अपने माता-पिता की आंखों की रोशनी वापस आने का उपाय पूछते हैं। तब गुरु वशिष्ठ उन्हें बताते हैं कि यदि तुम अपने माता-पिता को चार धाम की यात्रा करा दो तो उनकी आंखों की रोशनी वापस आ जाएगी। इस पर श्रवण कुमार अपनी बूढ़े माँ-बाप ज्ञानवती और शांतनु को कांवड़ में बैठाकर चार धाम की यात्रा पर निकल जाते हैं। यात्रा के दौरान श्रवण कुमार के माता-पिता को प्यास लगती है, जिस पर वह उन्हें पेड़ के नीचे बैठाकर सरयू नदी से जल लेने के लिए चले जाते है। उसी समय राजा दशरथ शिकार के लिए वनों में निकलते है। वह श्रवण कुमार को जंगली जानवर समझकर तीर मार देते है, जिससे उनकी मृत्यु हो जाती है। श्रवण कुमार की मौत पर राजा दशरथ बेहद परेशान हो जाते है।
वह पानी लेकर श्रवण कुमार के मां-बाप के पास पहुंचते हैं और सारा वृतांत बताते है। पुत्र के वियोग में श्रवण कुमार के मां-बाप भी तड़पते हुए अपने प्राण त्याग देते है। वह महाराज दशरथ को पुत्र वियोग में तड़प-तड़प कर मरने का श्राप दे देते है। अगले दृश्य में दिखाया गया कि महाराज दशरथ अपने महल में चिंतित अवस्था में बैठे है। वह कहते है कि तीन-तीन रानियां होने के बावजूद भी उन्हें पुत्र प्राप्ति नहीं हुई। इस पर मंत्री सुमंत और गुरु वशिष्ठ उन्हें कहते हैं कि यदि श्रृंगी ऋषि से हवन कराया जाए तो निश्चित रूप से पुत्र प्राप्ति होगी। महाराज दशरथ के निमंत्रण पर श्रृंगी ऋषि अयोध्या में हवन कराते है। कुछ दिनों बाद महाराज दशरथ की तीनो रानियों को मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम, लक्ष्मण, भरत व शत्रुघन जन्म लेते है। Kairana Ramlila News
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