गाजियाबाद (सच कहूँ/रविंद्र सिंह)। कमिश्नरेट गाजियाबाद की पुलिस ने एक बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए कुख्यात अपराधी और अनिल दुजाना गिरोह के सक्रिय सदस्य बलराम पुत्र श्याम सिंह, निवासी गांव रोगन, थाना जहांगीराबाद, जनपद बुलंदशहर को मुठभेड़ में मार गिराया। बलराम पर, 50,000 का इनाम घोषित था और वह बीते कुछ समय से व्यापारियों से रंगदारी मांगने और अपहरण जैसी संगीन वारदातों में लिप्त था।
तीन व्यापारियों से रंगदारी की मांग, जान से मारने की धमकी
पुलिस के अनुसार, बलराम ने मसूरी, सिहानी गेट और कविनगर थाना क्षेत्रों के व्यापारियों से व्हाट्सएप कॉल के जरिये 25 से 50 लाख रुपये तक की रंगदारी मांगी थी। इन कॉल्स में उसने खुद को कुख्यात माफिया अनिल दुजाना का गुरु बलराम बताया था। 9 जुलाई 2025 को एक ट्रांसपोर्ट व्यवसायी को धमकी भरी कॉल के बाद 13 जुलाई को उसका अपहरण कर लिया गया और फिरौती में 2 लाख रुपये व 15 तोले सोना देने पर छोड़ा गया। 17 सितंबर को, सिहानी गेट और कविनगर क्षेत्र के दो अन्य व्यापारियों को भी उसी नंबर से कॉल कर जान से मारने की धमकी दी गई और भारी रंगदारी की मांग की गई। इन घटनाओं पर विभिन्न थानों में गंभीर धाराओं में केस दर्ज किए गए थे।
मुठभेड़ का घटनाक्रम: डासना में स्वाट टीम से आमना-सामना
20 सितंबर की शाम करीब 7:50 बजे , मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने डासना, रघुनाथपुर रोड पर ग्रे रंग की बलेनो कार को घेराबंदी कर रोका। बताया जा रहा है कि कार से उतरे बदमाशों ने सीधे फायरिंग शुरू कर दी, जिसमें एडीसीपी अपराध पीयूष सिंह, स्वाट प्रभारी अनिल राजपूत समेत तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए। जवाबी कार्रवाई में बलराम को गोली लगने से घायल किया गया, जिसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। अन्य बदमाश मौके से फरार हो गए, जिनकी तलाश जारी है।
बरामदगी: भारी मात्रा में हथियार व सबूत
मुठभेड़ के दौरान पुलिस ने बलराम के पास से एक ग्रे रंग की बलेनो कार (दिल्ली नंबर),1 पिस्टल .30 बोर,1 इंग्लिश रिवॉल्वर .45 बोर, 1 अतिरिक्त पिस्टल .30 बोर,9 ज़िंदा कारतूस (.30 बोर), 3 जिंदा कारतूस (.45 बोर),19 खोखा कारतूस (.30 बोर), 3 खोखा कारतूस (.45 बोर),1 बुलेटप्रूफ जैकेट, मोबाइल फोन जिससे रंगदारी के कॉल किए गए थे, नकद 10,350 बरामद किए गए है।
बलराम का आपराधिक इतिहास: हत्या, लूट, रंगदारी के 30 से अधिक केस
एडीसीपी क्राइम के अनुसार बलराम एक पेशेवर अपराधी था, जो अनिल दुजाना के एनकाउंटर के बाद से गिरोह की कमान संभाल रहा था। उसके खिलाफ 30 से अधिक मुकदमे दर्ज थे, जिनमें हत्या, लूट, रंगदारी, अपहरण, गैंगस्टर एक्ट, गुंडा एक्ट और आर्म्स एक्ट शामिल हैं। उसकी हिस्ट्रीशीट संख्या 103 ए थी और वह थाना जहांगीराबाद का सक्रिय हिस्ट्रीशीटर था।