Haryana: सीएम सैनी ने गुरप्रीत इन्सां व गुरदीप इन्सां को किया सम्मानित, जानकर आप भी हो जाओगे खुश

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Haryana: सीएम सैनी ने गुरप्रीत इन्सां व गुरदीप इन्सां को किया सम्मानित, जानकर आप भी हो जाओगे खुश

कुछ हटकर खेती कर अन्य किसानों के लिए प्रेरणास्त्रोत बन रहे हैं दोनों किसान

ओढ़ां (सच कहूँ/राजू)। Haryana: खेती में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने पर जिला सरसा के गांव मत्तड़ निवासी गुरप्रीत इन्सां व गांव नागोकी निवासी किसान गुरदीप सिंह इन्सां सम्मानित हुए हैं। हिसार के चौ. चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित 2 दिवसीय किसान मेले के दौरान हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने दोनों किसानों को सम्मानित किया। दोनों किसानों ने ये साबित कर दिया कि कुछ नवाचार किया जाए तो खेती घाटे का नहीं बल्कि मुनाफे का सौदा बन सकती है। ये दोनों किसान क्षेत्र के किसानों के लिए प्रेरणास्त्रोत बन रहे हैं। मुख्यमंत्री से सम्मानित होने वाले इस दोनों किसानों से सच-कहूँ संवाददाता ने विशेष बातचीत की।

गांव मत्तड़ निवासी किसान गुरप्रीत इन्सां ने बातचीत में बताया कि वह पिछले करीब 30 वर्षांे से फल-सब्जियों की आधुनिक ढंग से खेती कर रहा है। उसके दादा बचन सिंह ने शुरूआत में थोड़ी-सी जगह में सब्जियों की खेती शुरू की थी। जिसके बाद उसके पिता गुरचरण इन्सां ने इसे आगे बढ़ाया। फिर उसने इसमें कुछ नवाचार करते हुए दायरा बढ़ाया। उसने इस खेती में आधुनिक तकनीकों व कृषि यंत्रों का प्रयोग किया। इसके साथ-साथ उसने इसमें मल्चिंग, मचान व नेट विधि को भी शामिल किया। किसान गुरप्रीत इन्सां द्वारा 5 एकड़ में सब्जी की करीब 42 वैरायटियां तैयार की जा रही हैं।

इनमें से कुछ वैरायटियां ऐसी हैं जो क्षेत्र में काफी कम पाई जाती हैं। किसान गुरप्रीत इन्सां इस बार तरबूज व लौकी की एक नई वैरायटी शामिल करने की सोच रहा है। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां को दिया।

आॅर्गेनिक हल्दी से बड़ा मुनाफा कमा रहे किसान गुरदीप इन्सां | Haryana

वहीं गांव नागोकी निवासी किसान गुरदीप इन्सां पिछले करीब 6 वर्षांे से आॅर्गेनिक हल्दी का उत्पादन कर अच्छा मुनाफा कमा रहा है। किसान ने प्रथम वर्ष कुछ जगह में ट्रायल के तौर पर आॅर्गेनिक हल्दी बोई थी, जिस पर करीब 70 हजार रुपये का खर्च आया। जिसमें उसे 40 क्विंटल उत्पादन प्राप्त हुआ। दूसरी बार उसने दायरा बढ़ाते हुए 4 एकड़ में हल्दी की फसल बोई, जिसमें करीब सवा 100 क्विंटल का उत्पादन हुआ। गुरदीप इन्सां ने अपना स्वयं का बीज तैयार करते हुए करीब 20 क्विंटल हल्दी का भंडारण कर रखा है।

गुरदीप इन्सां ने बताया कि अन्य फसलों के मुकाबले हल्दी के उत्पादन में मेहनत अधिक है और बीज भी काफी महंगा है, लेकिन आमदन भी काफी अच्छी है। क्योंकि साबुत हल्दी के दाम करीब 200 रुपये प्रति किलोग्राम चल रहे हैं। घर पर ही उन्होंने देसी तकनीक से गौ मूत्र, नीम के पत्ते व कुछ अन्य चीजों का उपयोग कर दवा तैयार की है। 21 सितंबर को हिसार में आयोजित किसान मेले में गुरदीप सिंह की आॅर्गेनिक हल्दी व पीली सरसों के शुद्ध तेल व गाय के देसी घी को लोगों ने खूब पसंद किया।

किसान खेती में कुछ अलग एवं नया जरूर करें। विभाग द्वारा बागवानी को बढ़ावा देने के लिए अनेक योजनाएं चलाई जा रही हैं। किसान गुरप्रीत खेती में काफी सराहनीय कार्य कर रहा है। वहीं किसान गुरदीप सिंह भी औषधीय खेती की दिशा में अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। सरकार द्वारा औषधीय खेती को बढ़ावा देने के लिए 30 हजार रुपये प्रति एकड़ अनुदान दिया जा रहा है। वहीं सब्जियों पर भी अच्छा अनुदान दिया जा रहा है। जिसमें सब्जी में 1 एकड़ पर 15 हजार रुपये, बांस पर खेती करने पर 31 हजार 250 रुपये व 15 हजार रुपये अलग से अनुदान दिया जाता है। इसके अतिरिक्त मल्चिंग विधि पर 6400 रुपये, बैड विधि पर 10 हजार रुपये का अनुदान दिया जा रहा है। एक किसान 5 एकड़ तक अनुदान प्राप्त कर सकता है। हमारा प्रयास है कि किसानों को विभागीय योजनाओं का लाभ मिले, जिनका लाभ उठाकर खेती कर वे समृद्ध हों।
                                                              – सीमा कंबोज, खंड उद्यान विकास अधिकारी (खंड बडागुढ़ा)

ये है गुरप्रीत सिंह की सब्जियों की वैरायटियां

किसान गुरप्रीत सिंह इस समय अपने खेत में सब्जी की 42 वैराटियां तैयार कर रहा है। जिसमें टमाटर में चैरी, लाल, पीला व नारंगी टमाटर, शिमला मिर्च में हरी, लाल, पीली, पसपल व नारंगी शिमला मिर्च, गोभी में सफेद, पीली, नारंगी, ब्रोकली, पत्ता, हरी, लाल व गांठ गोभी, गाजर में लाल व काली गाजर, लाल व सफेद शलगम, चाइनिज खीरा, खरबूजा में बॉबी व गोल्ड गलोरी खरबूजा, तरबूज में लाल, पीला व हरा तरबूज, सलाद में लुटस, हरा व लाल, पालक, धनिया, मैथी, सरसों का विदेशी साग, लोबिया फली में काली, हरी, कच्ची व हाईब्रिड ग्वार फली, हरा प्याज, लहसुन, मकई,

करेला, टिंडी, भिंडी, मटर, मूली, कद्दू, तोरी, पेठा, चकुंदर, आलू सहित अन्य सब्जियां शामिल हैं। किसान गुरप्रीत ने स्वयं की नर्सरी तैयार कर रखी है। उसकी फल-सब्जियां हरियाणा के साथ-साथ पंजाब क्षेत्र में भी बिक्री हेतु जाती हैं। विशेष बात ये है कि किसान गुरप्रीत इन्सां सब्जियों में अति कम रसायनों का प्रयोग करते हुए देसी तरीके से अपने खेत में खाद व अन्य रसायन तैयार करता है। बीज की गुणवत्ता के मामले में वह कोई समझौता नहीं करता। किसान ने कहा कि उसे बागवानी विभाग का भरपूर सहयोग मिलता है। Haryana

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