देहरादून (सच कहूँ न्यूज़)। Dehradun News: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) की स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा में पेपर लीक के मामले मुख्य्मंत्री पुष्कर सिंह धामी के कड़े रुख के बाद अब लापरवाही के लिए जिम्मेदार और इस कांड में संलिप्त कार्मिकों पर गाज गिरने लगी है। इस मामले में असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन समेत चार आरोपियों को निलंबित किया गया है। Dehradun News
पेपर के सवाल हल कर उसे मुख्य आरोपी खालिद मलिक की बहन साबिया को भेजने के मामले में आरोपी इतिहास विषय की असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन (अगरोड़ा महाविद्यालय टिहरी) को शासन ने निलंबित कर दिया है। वहीं, हरिद्वार के जिस परीक्षा केंद्र से पेपर बाहर आया, वहां सेक्टर मजिस्ट्रेट के रूप में तैनात जिला ग्राम्य विकास अभिकरण (डीआरडीए) के परियोजना निदेशक केएन तिवारी को भी निलंबित कर दिया गया। साथ ही एसएसपी हरिद्वार ने परीक्षा केंद्र की सुरक्षा व्यवस्था का जिम्मा संभालने वाले एक दरोगा और दो सिपाहियों को निलंबित कर दिया।
साथ ही एसएसपी हरिद्वार प्रमेंद्र डोबाल ने पूरे प्रकरण की जांच सीओ रुड़की नरेंद्र पंत को सौंपी है। माना जा रहा है कि जिन लापरवाही के कारण भर्ती परीक्षा का पेपर बाहर आया, उसके चलते अभी कई अन्य कार्मिक कार्रवाई की जद में आ सकते हैं। मौजूदा समय में भले ही असिस्टेंट प्रोफेसर सरकारी गवाह के रूप में प्रकरण की पूरी जानकारी देंगी, लेकिन जिस तरह उन्होंने महज 10 मिनट के भीतर परीक्षा केंद्र से आउट हुए पेपर को सॉल्व करके अन्य आरोपियों को दिया, वह संदेह पैदा करता है। ऐसे में उनके बयानों की सत्यता की गहन छानबीन की जाएगी। Dehradun News
असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन को निलंबन के साथ ही उच्च शिक्षा निदेशालय हल्द्वानी से अटैच किया गया है। शासन के आदेश में सुमन के विरुद्ध एक गंभीर टिप्पणी यह की गई कि उन्हें गलत नीयत से पेपर सॉल्वर की भूमिका में पाया गया है। यह बेहद गंभीर बात है। वहीं, पीडी डीआरडीए केएन तिवारी को आयुक्त ग्राम्य विकास कार्यालय पौड़ी में संबद्ध किया गया है।
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