नूर ऑर्गेनिक प्रोडक्ट ब्रांड से बना आत्मनिर्भरता और गुणवत्ता का प्रतीक
जाखल (सच कहूँ/तरसेम सिंह)। Jakhal News: खंड जाखल गांव चिलेवाल के युवा किसान कुलबीर सिंह ने साबित कर दिया है कि गांव की मिट्टी में भी बड़े सपने पनप सकते हैं। 2014 में उन्होंने महज़ 100 बॉक्स से मधुमक्खी पालन शुरू किया। यह सफर आसान नहीं था, लेकिन मेहनत, लगन और ईमानदारी से आज वे 650 बॉक्स से शहद उत्पादन कर रहे हैं। उनका ब्रांड नूर ऑर्गेनिक प्रोडक्ट अब स्थानीय ही नहीं बल्कि ऑनलाइन बाजार तक अपनी धाक जमा चुका है। Jakhal News
कुलबीर सिंह बताते हैं कि शुरुआत में वे अपने शहद को दूसरे प्रोसेसिंग प्लांट्स को बेचते थे। उनकी क्वालिटी इतनी बेहतरीन थी कि ग्राहकों से लगातार प्रोत्साहन मिलता रहा। तब उनके दोस्त सुरजीत चतर्थ नथुवाल ने उनको सलाह दी कि क्यों ना हम अपना बिजनेस बढ़ाए और ब्रांड तैयार करें। इनकी सलाह पर कुलबीर सिंह ने ख़ुद का ब्रांड बनाया और सरकार ने उन्हें 35 प्रतिशत सब्सिडी और बैंक लोन की सुविधा दी, जिससे उनका सपना साकार हुआ। चार महीने पहले जब उन्होंने अपना प्रोसेसिंग प्लांट शुरू किया तो गांव के लोग भी उनके इस कदम पर गर्व महसूस करने लगे।
आज नूर ऑर्गेनिक प्रोडक्ट के तहत वे मल्टीफ़्लोरा, बरसीम, शीशम, बेरी, सूरजमुखी, सरसों और सफेदा जैसे सात अलग-अलग फ्लेवर का शहद तैयार कर रहे हैं। उनकी मेहनत और गुणवत्ता का परिणाम है कि आज उनके प्रोडक्ट की मांग ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर भी बढ़ रही है।
चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय, हिसार ने भी उनकी इस गुणवत्ता को सराहा। हाल ही में आयोजित कृषि मेले में उनके शहद को क्वालिटी लिस्ट में तीसरा स्थान दिया गया। यह उपलब्धि न केवल कुलबीर सिंह के लिए, बल्कि पूरे फतेहाबाद जिले के लिए गर्व की बात है। Jakhal News
कुलबीर सिंह और सरजीत सिंह कहते हैं कि सरकार के सहयोग और समय पर मिली मदद ने हमे आत्मनिर्भर बनने की राह दिखाई। अब मेरा लक्ष्य है कि गांव के अन्य युवाओं को भी प्रेरित करूँ और उन्हें कृषि व इससे जुड़े व्यवसायों में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करूँ।
जिला बागवानी अधिकारी श्रवण कुमार ने कहा कि कुलबीर सिंह जैसे युवा किसानों ने यह साबित किया है कि सरकार की योजनाओं और सब्सिडी का सही उपयोग करके आत्मनिर्भर बना जा सकता है। उन्होंने मधुमक्खी पालन और शहद प्रोसेसिंग के क्षेत्र में जो पहल की है, वह अन्य किसानों और युवाओं के लिए प्रेरणादायक है। विभाग हमेशा ऐसे प्रगतिशील किसानों को तकनीकी और मार्गदर्शन की मदद देता रहेगा।वह कहते हैं कि कुलबीर सिंह की इस सफल यात्रा से यह साबित होता है कि अगर हौसला और विश्वास हो तो गांव से शुरू हुई पहल भी शहरों और बाजारों तक पहुँच सकती है। कुलबीर सिंह की कहानी युवाओं के लिए प्रेरणा है कि आधुनिक कृषि और ग्रामीण उद्यमिता में भी अपार संभावनाएँ छिपी हुई हैं। Jakhal News
यह भी पढ़ें:– Rangla Punjab: पंजाब के गांवों की अब बदल जाएगी तस्वीर, मान सरकार ने लिया बड़ा फैसला