CBI action on builders: नई दिल्ली। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने गृह खरीदारों से की गई ठगी और वित्तीय संस्थानों के अधिकारियों की मिलीभगत के आरोपों में व्यापक स्तर पर अभियान चलाया है। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर दर्ज मामलों के आधार पर सीबीआई ने कोलकाता, बेंगलुरु और मुंबई में स्थित कई बिल्डरों के विरुद्ध कार्यवाही करते हुए 12 स्थानों पर छापेमारी की। CBI investigation update
हजारों गृह खरीदारों ने बिल्डरों तथा ऋण देने वाली संस्थाओं की मनमानी और धोखाधड़ी से तंग आकर सर्वोच्च न्यायालय में याचिकाएँ दायर की थीं। सुनवाई के दौरान न्यायालय ने माना कि बिल्डरों और वित्तीय संस्थानों के बीच अनुचित गठजोड़ से लोगों को गुमराह किया गया। इसी कारण अदालत ने अप्रैल 2025 में सीबीआई को प्रारंभिक जाँच के आदेश दिए थे।
जाँच एजेंसी ने पहले छह जाँच पूरी कर एनसीआर क्षेत्र से जुड़े 22 नियमित मामले दर्ज किए थे, जिनकी विवेचना अभी भी चल रही है। अब सातवीं जाँच पूरी होने पर सर्वोच्च न्यायालय ने निर्देश दिया कि महानगरों में सक्रिय बिल्डरों और वित्तीय संस्थानों के अधिकारियों के विरुद्ध भी नियमित प्राथमिकी दर्ज की जाए।
अदालत के आदेश का पालन करते हुए सीबीआई ने छह नए मामले दर्ज किए और तीनों शहरों में एक साथ छापे डाले। तलाशी में कई महत्त्वपूर्ण दस्तावेज़ और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य बरामद किए गए हैं। सूत्रों के अनुसार तलाशी अभियान अब भी जारी है और साक्ष्यों का परीक्षण कर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।
सीबीआई की यह पहल न केवल रियल एस्टेट क्षेत्र में फैले भ्रष्टाचार को उजागर करती है, बल्कि वित्तीय संस्थानों की भूमिका पर भी गंभीर प्रश्न खड़े करती है। एजेंसी अब इस बात की गहन पड़ताल कर रही है कि किस प्रकार सुनियोजित तरीके से गृह खरीदारों को ठगा गया और किस हद तक अधिकारियों ने बिल्डरों का सहयोग किया। CBI investigation update