धरने में पहुंच रहे राजनीतिक सहित विभिन्न संगठनों के नेता
- नर्सिंग स्टाफ ने विभाग द्वारा जारी पत्र को डराने-धमकाने वाला बताया प्रयास, धरना 6वें दिन में शामिल
पटियाला (सच कहूँ/खुशवीर सिंह टूर)। Nursing Staff Strike: धरने पर बैठे नर्सिंग स्टाफ को डायरेक्टोरेट रिसर्च व मेडिकल एजुकेशन पंजाब ने 3 अक्तूबर तक अपनी ड्यूटी पर लौटने के निर्देश दिए हैं व इसके बाद सख्त कार्रवाई शुरू करने की चेतावनी दी है। धरने पर बैठे नर्सिंग स्टाफ ने इन धमकी भरे पत्रों को डराने-धमकाने का प्रयास बताया और अपने हकों से पीछे न हटने का संकेत दिया है। यूनाइटेड नर्सेज एसोसिएशन ऑफ पंजाब द्वारा चलाया जा रहा यह राज्य स्तरीय धरना आज 6वें दिन में पहुंच गया है। Patiala News
अमृतसर, पटियाला और मोहाली के तीनों सरकारी मेडिकल कॉलेजों के नर्सिंग कर्मचारी पूर्ण एकजुटता के साथ इसमें शामिल हैं। बीते दिन ही अधिकारियों द्वारा यूनाइटेड नर्सेज एसोसिएशन के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की गई, लेकिन यह बिना किसी नतीजे के समाप्त हुई। डायरेक्टोरेट आॅफ रिसर्च एंड मेडिकल एजुकेशन की ओर से फिर 15 दिन का समय मांगा गया है, जिससे स्पष्ट है कि मामला लंबित रखा जा रहा है। इस मौके पर आर्टी बाली, कुलदीप कुमार, जुझार सिंह मान और करमदीप सिंह का समय मांगना इस बात का संकेत है कि स्टाफ नर्सेज के रास्ते में सबसे बड़ी बाधा उनका अपना विभाग ही है।
उन्होंने कहा कि विभाग जायज मांगें मानने से पीछे हट रहा है। आज डीआरएमई की ओर से जारी पत्र के माध्यम से स्टाफ नर्सेज को 3 अक्तूबर सुबह 9 बजे तक ड्यूटी जॉइन करने का आदेश दिया है, जिसे स्टाफ नर्सेज ने डराने की निरर्थक कोशिश बताया। उन्होंने कहा कि स्टाफ इन धमकियों में नहीं आएगा और अपनी मांगों की पूर्ति तक संघर्ष जारी रखेगा। यह रवैया मानवाधिकारों का स्पष्ट उल्लंघन है।
दुख की बात है कि स्वास्थ्य मंत्री स्वयं स्थानीय होने के बावजूद अभी तक नर्सिंग स्टाफ से बात करने नहीं पहुंचे। जारी किए गए पत्र में यह भी कहा गया है कि नर्सिंग स्टाफ की दैनिक उपस्थिति विभाग को भेजी जाए, जिससे स्पष्ट है कि आगामी दिनों विभाग इन धरनाकारियों नर्सों पर सख्त कार्रवाई कर सकता है। इस धरने में नर्सिंग स्टाफ को बड़ी संख्या में विपक्ष सहित विभिन्न संगठन के नेता समर्थन देने पहुंचे हैं।
नए विद्यार्थियों के सहारे मरीज | Patiala News
नेताओं ने कहा कि हड़ताल के कारण अस्पतालों में बी.एस.सी. नर्सिंग के प्रथम वर्ष के छात्र, जो केवल बारहवीं पास हैं और उन्होंने अभी-अभी प्रवेश लिया है, उनके माध्यम से काम लिया जा रहा है। यह गैरकानूनी कदम मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ करने के बराबर है। यदि किसी भी मरीज को जान या माली नुकसान होता है, तो इसकी पूरी नैतिक और कानूनी जिम्मेदारी सरकार की होगी।
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