फर्जी बिलों पर हो रही थी खैर की तस्करी वन्य प्राणी और वन विभाग ने नाका लगाकर दबोचे शिकायत पर पुलिस ने किया मामला दर्ज

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Pratap Nagar News: फर्जी बिलों पर हो रही थी खैर की तस्करी वन्य प्राणी और वन विभाग ने नाका लगाकर दबोचे शिकायत पर पुलिस ने किया मामला दर्ज

प्रताप नगर (सच कहूँ/राजेंद्र कुमार)। Pratap Nagar News: प्रताप नगर पुलिस को दी शिकायत में जिला वन्य प्राणी विभाग के निरीक्षक लीलू राम ने बताया कि उनको 6 अक्तूबर को शाम को लगभग 5 बजे सूचना मिली की एक खैर से भरी गाडी गांव खिल्लावाला से वाया खिजराबाद होकर पौंटा साहिब जाने वाली है। सूचना पाकर वन रक्षक छबील दास, हरीश धीमान के द्वारा खिजराबाद मंडी परिसर के सामने रोड पर नाकाबंदी की गई। इसके साथ ही प्रदीप कुमार वन्य जीव रक्षक को साथ लेकर ताजेवाला नाके के पास भी नाकाबंदी की गई। थोडी देर में खिजराबाद की ओर से उक्त गाडी आती हुई दिखाई दी जिसका कर्मचारी छबील दास और हरीश धीमान द्वारा पीछा किया गया।

बहादुरपूर के नजदीक के पास वन विभाग की गाडी आगे लगाकर रूकवाने की कोशिश की तो गाडी का ड्राईवर गाडी को छोडकर भागा लेकिन कर्मचारी छबीलदास के द्वारा भागते समय ड्राईवर की पहचान कर ली गई जिसका नाम ईनाम पुत्र वलीदीन ग्राम खिल्लावाला तहसील प्रतापनगर के रूप में हुई। गाडी में छिली हुई खैर की लकडी पाई गई व एक फर्म ए एस ट्रेडर्स के 1 बिल न० 19 दिनांक 05 अक्तूबर व एक ई-वे बिल न० 312098342402 दिनांक 05 व कर्नाटक के वन विभाग से प्राप्त एक ट्रांसिट पास न0 962633 कलर फोटोकापी पाई गई । इसके अतिरिक्त गाडी में कोई अन्य दस्तावेज व जरूरी और कीमती वस्तू नही मिली। गाडी को लेकर वन्य जीव निरीक्षक कार्यालय में लाया गया और फोन से गाडी में पाए गए बिल पर अंकित फर्म के फोन न० पर फोन करके फर्म मालिक को वन्य जीव निरीक्षक कार्यालय में उपस्थित होने को कहा गया। Pratap Nagar News

थोडी देर बाद फर्म ओर से आशीष पुत्र श्री सोहनलाल निवासी ग्राम टिब्बी डाकखाना बक्करवाला जिला यमुनानगर ने कार्यालय आकर ब्यान किया कि उनके पास उक्त गाडी न० HR 45A 7586 माकी Eicher में लदी खैर की लकडी के सभी दस्तावेज है जिन्हे वह वन्य जीव निरीक्षक कलेसर के समक्ष दिनांक 07 अक्तूबर समय 11 बजे तक प्रस्तूत कर देंगे। इसके साथ ही फर्म मालिक को पानीपत से यमुनानगर की ओर पडने वाले सभी टोल पर्ची भी लेकर आने को कहा गया। उक्त गाडी में लोड खैर को गाडी से उतरवाकर चैक किया गया तो उक्त लकडी पर कोई भी लाट न० व हैम्बर मार्क व कोई भी पहचान चिन्ह नही पाया गया जिससे यह प्रमाणित हो कि उक्त लकडी गाडी से मिले दस्तावेजों से मेल खाती हो।

लकडी की पैमाईश की गई व उसकी लॉग लिस्ट तैयार की गई, उक्त खैर की छिली लकडी का मिलान इस कार्यालय के अंतर्गत पडने वाले कलेसर वन्य जीव विहार के खिल्लावाला, चिकन व इब्राहिमपुर बीट में क्षति रिपोर्ट 2 अक्तूबर,3 अक्तूबर आदि में काटे गए खैर वृक्षों से मिलान होना पाया। 07 अक्तूबर को को फर्म मालिक से पुनः फोन द्वारा सम्पर्क किया गया लेकिन उससे कोई सम्पर्क न हो सका व न ही फर्म की ओर से कोई इस कार्यालय में उपस्थित हुआ। जिसके बाद गुप्त रूप से जांच करने पर पता चला कि फर्म के मालिको द्वारा फर्म के फर्जी बिल काटकर अन्य व्यक्तियों जिनमें इनाम, इष्ताक, इकरान पुत्र मोलदीन उर्फ माडू, गफार पुत्र शहीद, दिलशाद पुत्र बरकत, जुलफान पुत्र वहीद, निवासी ग्राम

खिल्लावाला, नूर मोहम्मद पुत्र बसीर, जमशेद उर्फ जम्मू पुत्र यामीन, भूरा पुत्र नजीबू निवासी ग्राम जाटांवाला, माजिद पुत्र रोशन ग्राम कांसली के साथ मिलकर खैर तस्करी का कार्य किया जा रहा है। उक्त खैर के वृक्ष वन्य प्राणी विहार से काटे गए है, जो कि वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 26 के तहत संरक्षित क्षेत्र है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 2(1), 2(12B), 2(14), 2(15), 2(24A), 2(37), 26A, 27, 29, 39, 50, 51,58 की उलंघ्घना के तहत मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

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