नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। दिल्ली में 10 अक्टूबर से शुरू होने वाले दूसरे और अंतिम भारत-वेस्टइंडीज टेस्ट मैच की पिच पर कुछ हिस्सों में घास होगी और कुछ हिस्सों में सपाट सतह होगी, जबकि पहले टेस्ट मैच की अहमदाबाद की पिच पर घास की समतल परत थी। दिल्ली की पिच काली मिट्टी की होगी और बल्लेबाजों के अनुकूल होगी, तथा सतह धीरे-धीरे सूखने के कारण स्पिन की भूमिका भी महत्वपूर्ण होगी। 2019 में विश्व टेस्ट चैंपियनशिप शुरू होने के बाद से भारत की सबसे हरी पिचों में से एक पर पहले टेस्ट में पहले बल्लेबाजी करने के बाद वेस्टइंडीज तीन दिन के अंदर ही हार गया। लाल मिट्टी वाली पिच पर चार मिलीमीटर तक घास बिछी होने और अच्छी उछाल के साथ, जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज ने पहले दिन शानदार प्रदर्शन किया और वेस्टइंडीज 44.1 ओवर में आॅल आउट हो गया। मेहमान टीम अपनी दूसरी पारी में सिर्फ़ 45.1 ओवर ही खेल पाई और एक पारी और 140 रनों से करारी हार का सामना करना पड़ा।
हालांकि, अरुण जेटली स्टेडियम की पिच बल्लेबाजों के लिए ज्यादा अनुकूल मानी जाती है, क्योंकि आउटफील्ड तेज है और बाउंड्रीज थोड़ी छोटी हैं। यहां खेला गया आखिरी टेस्ट 2023 में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का दूसरा टेस्ट था। उस मैच में, धीमी टर्निंग वाली पिच पर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला करने वाली आॅस्ट्रेलिया की टीम तीन दिन के अंदर छह विकेट से हार गई थी।