Haryana IPS officer Case: चंडीगढ़। हरियाणा में एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी की आत्महत्या के मामले ने राज्य की राजनीति और प्रशासन दोनों को झकझोर दिया है। इस प्रकरण में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) शत्रुजीत कपूर को फिलहाल अवकाश पर भेज दिया गया है। यह कदम उस समय उठाया गया जब चंडीगढ़ पुलिस ने दिवंगत आईपीएस अधिकारी वाई. पुरन कुमार द्वारा छोड़े गए सुसाइड नोट के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की। पुरन कुमार ने 7 अक्टूबर को कथित रूप से आत्महत्या की थी। Haryana News
एफआईआर दर्ज होने के कुछ ही समय बाद, पुरन कुमार की पत्नी और वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अमनीत पी. कुमार ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से मुलाकात कर न्याय की मांग की। उन्होंने आग्रह किया कि उनके पति द्वारा अंतिम नोट में जिन अधिकारियों के नाम लिखे गए हैं, उन्हें तुरंत निलंबित कर गिरफ्तार किया जाए।
सूत्रों के अनुसार, आठ दिन बीत जाने के बाद भी पुरन कुमार का पार्थिव शरीर पोस्टमार्टम के लिए नहीं भेजा गया है। उनकी पत्नी का आरोप है कि “राज्य के कुछ प्रभावशाली और उच्च पदस्थ अधिकारी” इस मामले में शामिल हैं, और जब तक निष्पक्ष कार्रवाई नहीं होती, वे शव परीक्षण की अनुमति नहीं देंगी। इस विवाद के कारण सरकार और परिवार के बीच गतिरोध की स्थिति बनी हुई है। Haryana News
राजनीतिक स्तर पर भी यह मामला गंभीर रूप ले चुका है
राजनीतिक स्तर पर भी यह मामला गंभीर रूप ले चुका है। विपक्ष के नेता राहुल गांधी मंगलवार को चंडीगढ़ में दिवंगत अधिकारी के आवास पर पहुंचकर श्रद्धांजलि देंगे। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इस घटना को “बेहद पीड़ादायक और चिंताजनक” बताया। उन्होंने कहा कि सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है कि दोषियों को तुरंत न्याय के कटघरे में लाया जाए।
इधर, पंजाब राज्य अनुसूचित जाति आयोग ने चंडीगढ़ पुलिस की रिपोर्ट पर असंतोष प्रकट किया है। आयोग के अध्यक्ष जसवीर सिंह गढ़ी ने कहा कि पुलिस द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट अधूरी है, क्योंकि उसमें एफआईआर की प्रति सम्मिलित नहीं थी। उन्होंने निर्देश दिया कि दिवंगत अधिकारी के नोट में जिन 14 अधिकारियों के नाम हैं, उनके विरुद्ध तुरंत कानूनी कार्रवाई की जाए। इस पूरे प्रकरण ने प्रशासनिक तंत्र की पारदर्शिता और जवाबदेही पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़े कर दिए हैं। जनता और अधिकारी वर्ग दोनों ही अब इस मामले में न्यायिक हस्तक्षेप की उम्मीद लगाए हुए हैं। Haryana News