Calcutta Stock Exchange News: कलकत्ता स्टॉक एक्सचेंज इस साल मनाएगा आखिरी दीपावली, जानें क्या है माजरा?

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Calcutta Stock Exchange Celebrate Diwali: कोलकाता। देश के सबसे प्राचीन वित्तीय संस्थानों में शामिल कलकत्ता स्टॉक एक्सचेंज (CSE) अब अपने अंतिम दौर में पहुंच गया है। 117 वर्षों के लंबे इतिहास के बाद, यह ऐतिहासिक एक्सचेंज जल्द ही अपने कारोबारी संचालन को स्थायी रूप से समाप्त करने जा रहा है। दीपावली और काली पूजा के अवसर पर सोमवार को एक्सचेंज में अंतिम बार पारंपरिक उत्सव मनाया जाएगा। Calcutta Stock Exchange News

सीएसई की स्थापना वर्ष 1908 में हुई थी और इसे उस दौर में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का प्रमुख प्रतिद्वंद्वी माना जाता था। इसने दशकों तक पूर्वी भारत के निवेशकों और कारोबारियों को पूंजी बाजार से जोड़ने का महत्वपूर्ण कार्य किया। हालांकि, वर्ष 2001 के केतन पारेख घोटाले ने सीएसई की साख को गहरा झटका दिया। कई ब्रोकर सेटलमेंट पूरे नहीं कर पाए, जिससे निवेशकों का विश्वास धीरे-धीरे कम होता गया। यही वह समय था जब एक्सचेंज की आर्थिक स्थिति कमजोर होने लगी।

2013 में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने नियामकीय अनियमितताओं का हवाला देते हुए सीएसई में कारोबार को निलंबित कर दिया। इसके बाद कई वर्षों तक एक्सचेंज ने सेबी के निर्णय को अदालत में चुनौती दी, लेकिन अंततः बोर्ड ने व्यवसाय से बाहर निकलने का फैसला कर लिया। Calcutta Stock Exchange News

अध्यक्ष दीपांकर बोस के अनुसार, अप्रैल 2025 में आयोजित विशेष आम बैठक में शेयरधारकों ने एक्सचेंज की निकास योजना को मंजूरी दी। इस योजना के तहत, सेबी ने समीक्षा के लिए एक स्वतंत्र मूल्यांकन एजेंसी नियुक्त की है और अंतिम स्वीकृति मिलने के बाद सीएसई का परिचालन औपचारिक रूप से समाप्त हो जाएगा।

सीएसई की सहायक कंपनी CSE कैपिटल मार्केट्स प्राइवेट लिमिटेड (CCMPL) ब्रोकर के रूप में एनएसई और बीएसई से संबद्ध रहकर कार्य करती रहेगी। वहीं, मूल कंपनी को होल्डिंग कंपनी के रूप में परिवर्तित किया जाएगा। निकास प्रक्रिया के अंतर्गत, सीएसई ने ईएम बाईपास स्थित अपनी तीन एकड़ जमीन लगभग 253 करोड़ रुपये में सृजन समूह को बेचने का समझौता किया है, जिसे सेबी की मंजूरी मिल चुकी है।

एक्सचेंज ने अपने कर्मचारियों के लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (VRS) लागू की है, जिसके तहत लगभग 21 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाएगा। इस योजना के बाद कंपनी को सालाना लगभग 10 करोड़ रुपये की बचत होने की उम्मीद है। एक समय पर 1,700 से अधिक कंपनियां सीएसई में सूचीबद्ध थीं और करीब 650 सदस्य ब्रोकर इसके साथ जुड़े थे। अपने 117 वर्षों के गौरवशाली इतिहास में सीएसई ने न केवल पूंजी बाजार के विकास में योगदान दिया, बल्कि कोलकाता को भारत के वित्तीय मानचित्र पर विशेष पहचान भी दिलाई। Calcutta Stock Exchange News