Welfare Work: पानीपत की राजरानी छाबड़ा इन्सां मरणोंपरांत बनीं दो अंधेरी जिंदगियों का उजाला

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Welfare Work: पानीपत की राजरानी छाबड़ा इन्सां मरणोंपरांत बनीं दो अंधेरी जिंदगियों का उजाला
Welfare Work: पानीपत (सच कहूँ/सन्नी कथूरिया)। एल्डिगो निवासी माता राजरानी छाबड़ा इन्सां ने मरणोपरांत नेत्रदान कर दो अंधेरी जिंदगियों को रोशनी देने का महान कार्य किया है। जानकारी देते हुए डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी राहुल इन्सां ने बताया कि माता राजरानी इन्सां पिछले कुछ समय से बीमार चल रही थीं और शुक्रवार को उन्होंने अपनी सांसारिक यात्रा पूरी कर ली। माता राजरानी इन्सां की अंतिम इच्छा (मरणोपरांत नेत्रदान करना) को पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के वचनों पर चलते हुए उनके बेटे और बेटी ने पूरा किया। Panipat News
राहुल इन्सां ने बताया कि पहले लोगों में यह भ्रम था कि मरने के बाद अगर शरीर का कोई अंग दान किया जाए तो अगले जन्म में उस अंग से हीन रह जाएंगे। लेकिन गुरु जी ने इस भ्रम को दूर किया और मरणोपरांत नेत्र व शरीर दान की मुहिम चलाई, जिसका करोड़ों अनुयायी अनुसरण कर रहे हैं। इस अवसर पर माता के बेटे रजनीश इन्सां, बेटी नीलम वाधवा, सुनीता मक्कड़, आशा इंसा, निशा इंसा, दीपक तलूजा, शालू कालरा के परिजन और ब्लॉक पानीपत व काबड़ी की साध सगत के जनसेवा दल की टीम मौजूद रही।

नेत्र व शरीर दान का महत्व बताया | Panipat News

जनसेवा दल के सचिव चिमन लाल गुलाटी ने बताया कि पानीपत की धार्मिक नगरी में लाखों लोग दान-पुण्य का कार्य करते हैं, लेकिन नेत्रदान कर दो अंधेरी जिंदगियों को रोशनी देना और डॉक्टरों के लिए शरीर दान करना इनसे बड़ा कोई दान नहीं हो सकता। डेरा सच्चा सौदा की यह मुहिम काबिले तारीफ है, जिसमें हजारों लोग नेत्र और शरीर दान कर चुके हैं। डेरा सच्चा सौदा के सेवादारों को चलते-फिरते ब्लड पंप भी कहा जाता है, रक्तदान में यह संगठन नंबर वन रहता है। Panipat News