Transport Day: यात्रा सिर्फ मंजिल तक पहुंचना नहीं बल्कि पर्यावरण व जनसुरक्षा का संतुलन

World Transport Day

Transport Day 2025: नई दिल्ली। परिवहन दिवस केवल यात्रा और यातायात के महत्व को रेखांकित करने का अवसर नहीं है, बल्कि यह दिन देश की परिवहन व्यवस्था को और अधिक सुरक्षित, हरित तथा सुगठित बनाने का संकल्प दोहराने का भी प्रतीक माना जाता है। प्रत्येक वर्ष 10 नवंबर को मनाया जाने वाला यह दिवस हमें याद दिलाता है कि परिवहन सिर्फ आवाजाही नहीं, बल्कि विकास, पर्यावरण और जनसुरक्षा का संतुलन है। World Transport Day

भारत में इस दिवस की परंपरा 1950 के दशक से जुड़ी है, जब देश में परिवहन सेवाओं का विस्तार और सार्वजनिक क्षेत्रों का राष्ट्रीयकरण शुरू हुआ। आज़ादी के बाद परिवहन ने न केवल औद्योगिक प्रगति को गति दी, बल्कि आर्थिक गतिविधियों को मजबूत आधार भी प्रदान किया। वर्तमान समय में जब प्रदूषण, ट्रैफिक जाम और सड़क दुर्घटनाओं जैसी चुनौतियाँ बढ़ रही हैं, तब यह दिवस समाधान खोजने की प्रेरणा देता है।

10 नवंबर परिवहन दिवस के रूप में चिह्नित

इतिहास पर दृष्टि डालें तो स्वतंत्रता के बाद रेल, सड़क और जल परिवहन को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। 10 नवंबर को इसी कारण परिवहन दिवस के रूप में चिह्नित किया गया कि इस दिन परिवहन ढाँचे के विस्तार से संबंधित अहम विचार-विमर्श सम्पन्न हुए थे। आज यह दिवस तकनीकी उन्नयन, सड़क सुरक्षा, यातायात अनुशासन और स्मार्ट परिवहन प्रणालियों को बढ़ावा देने का माध्यम बन चुका है। वैश्विक स्तर पर भी यह दिन सार्वजनिक परिवहन को प्रोत्साहित करने के प्रतीक के रूप में जाना जाता है। World Transport Day

वर्ष 2025 तक आते-आते भारत की परिवहन संरचना में उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की गई है। राष्ट्रीय राजमार्गों का जाल अब लगभग 1.46 लाख किलोमीटर तक विस्तृत हो चुका है, जबकि भारतमाला परियोजना के तहत विभिन्न आर्थिक गलियारों को जोड़ने वाली मुख्य सड़कों का तेजी से निर्माण जारी है। भारतीय रेलवे ने भी सेमी-हाई स्पीड ट्रेनों के रूप में वंदे भारत को नई दिशा दी है। अत्याधुनिक सुविधाओं और तेज रफ्तार से युक्त ये ट्रेनें मध्यम दूरी की यात्रा को बहुत अधिक सुगम और समय-कुशल बना रही हैं।

देश में बुलेट ट्रेन योजना, मेट्रो रेल नेटवर्क, रैपिड रेल कॉरिडोर और विशाल एक्सप्रेसवे परियोजनाओं ने भी शहरी परिवहन को नई गति दी है। दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और अन्य महानगरों में मेट्रो रेल 1,000 किलोमीटर से भी अधिक दूरी तक अपना विस्तार कर चुकी है, जिसने लाखों यात्रियों की दैनिक जीवनशैली को सहज बनाया है।

हवाई यात्रा को जनसुलभ बनाया है

वायु परिवहन के क्षेत्र में उड़ान योजना ने छोटे शहरों को राष्ट्रीय स्तर पर जोड़ते हुए हवाई यात्रा को जनसुलभ बनाया है। जल परिवहन में सागरमाला परियोजना ने माल परिवहन की लागत घटाई है और बंदरगाह आधारित विकास को बढ़ावा दिया है। फिर भी चुनौतियाँ समाप्त नहीं हुई हैं। सड़क दुर्घटनाओं में प्रतिवर्ष लाखों लोगों की जान जाती है, जिनमें तेज रफ्तार, लापरवाही और सुरक्षा उपकरणों का उपयोग न करना प्रमुख कारण हैं। साथ ही बढ़ती ईंधन खपत और वायु प्रदूषण भी गंभीर चिंताओं में शामिल हैं। इन्हें देखते हुए सरकार स्वच्छ ईंधन, इथेनॉल मिश्रण और इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित कर रही है।

इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2025 में एफएएमई-III योजना शुरू की गई है, जिसके अंतर्गत बड़ी संख्या में ईवी को सब्सिडी पर उपलब्ध कराया जाएगा। सरकार का लक्ष्य है कि परिवहन क्षेत्र वर्ष 2030 तक देश की जीडीपी में लगभग 15 प्रतिशत योगदान दे, इसके लिए सतत विकास और पर्यावरणीय संतुलन पर निरंतर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। World Transport Day