नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। Exercise Trishul: सेना की दक्षिणी कमान ने तीनों सेनाओं के अभ्यास ‘त्रिशूल’ के तहत रेगिस्तानी क्षेत्र में अखंड प्रहार अभ्यास का सफलतापूर्वक आयोजन किया जिसमें तीनों सेनाओं के बीच विभिन्न अभियानों में शानदार तालमेल देखने को मिला। अभ्यास के दौरान दक्षिणी कमान के जनरल आॅफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ ने अभ्यास के दौरान कोणार्क कोर की विभिन्न अभियानों में संचालन तत्परता तथा मारक क्षमता की समीक्षा की। सेना ने गुरुवार को एक वक्तव्य जारी कर कहा कि इस अभ्यास ने रुद्र ब्रिगेड द्वारा जमीनी अभियानों, विशेष हेलीबोर्न अभियानों और सेना विमानन द्वारा समन्वित हमलावर हेलीकॉप्टर मिशनों सहित मशीनीकृत पैदल सेना युद्धाभ्यासों से लेकर सभी हथियारों और सेवाओं के एकीकृत उपयोग के माध्यम से कोणार्क कोर की पूर्ण-स्पेक्ट्रम युद्ध तत्परता को प्रमाणित किया।
अभ्यास में सेना और वायु सेना के बीच सहज तालमेल भी देखा गया जिसमें थल सैनिकों की सहायता के लिए वायु सेना के जमीनी हमलों से संबंधित मिशन भी शामिल थे।
इस अभ्यास ने यथार्थवादी युद्धक्षेत्र परिस्थितियों में अगली ढ़ी की स्वदेशी प्रौद्योगिकी के मूल्यांकन के लिए वास्तविक समय परीक्षण स्थल के रूप में भी कार्य किया। स्वदेशी ड्रोन, मानवरहित प्रणालियां, ड्रोन-रोधी प्रणालियां और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध ग्रिड के इस्तेमाल ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के राष्ट्रीय दृष्टिकोण के अनुरूप भारत की बढ़ती प्रौद्योगिकी ताकत का प्रदर्शन किया। अभ्यास के माध्यम से कोणार्क कोर के एक आधुनिक, चुस्त और नेटवर्कयुक्त बल में परिवर्तन की पुष्टि भी हुई जो भविष्य के बहु-क्षेत्रीय और उच्च-गति वाले अभियानों के लिए तैयार है। अखंड प्रहार अभ्यास ने संचालन उत्कृष्टता, संयुक्त बल एकीकरण और सटीक युद्ध के प्रति भारतीय सेना की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। Exercise Trishul
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