Car Maintenance Tips 2025: अगर आपकी कार 1.20 लाख किमी चल चुकी है तो इन जरूरी पार्ट्स को तुरंत बदलवाएं, वरना बढ़ सकता है खतरा

Car Maintenance Tips 2025
Car Maintenance Tips 2025: अगर आपकी कार 1.20 लाख किमी चल चुकी है तो इन जरूरी पार्ट्स को तुरंत बदलवाएं, वरना बढ़ सकता है खतरा

Car Maintenance Tips 2025: अनु सैनी। आज के समय में कार सिर्फ एक जरूरत नहीं, बल्कि हर परिवार का अहम हिस्सा बन चुकी है। रोज़मर्रा के कामों से लेकर लंबी यात्राओं तक कार हमारे जीवन का भरोसेमंद साथी बन गई है। लेकिन जब कोई वाहन 1.20 लाख किलोमीटर की दूरी तय कर लेता है, तो यह सिर्फ “सर्विस” करवाने का मामला नहीं रहता। इस माइलेज तक पहुंचते-पहुंचते कई हिस्से अपनी उम्र पूरी कर लेते हैं और उन्हें रिप्लेस करना जरूरी हो जाता है। अगर ऐसा नहीं किया गया, तो कार की परफॉर्मेंस, माइलेज और सेफ्टी तीनों पर बुरा असर पड़ सकता है। तो आइए जानते हैं कि 1.20 लाख किलोमीटर चल चुकी कार में किन पार्ट्स की जांच और बदलवाना जरूरी है ताकि आपकी गाड़ी फिर से पहले जैसी स्मूद और सेफ चल सके।

इंजन और फिल्टर सिस्टम की जांच सबसे पहले करें | Car Maintenance Tips 2025

कार का इंजन उसका दिल होता है। 1.20 लाख किमी चलने के बाद इंजन पर काफी दबाव पड़ चुका होता है। सबसे पहले इंजन ऑयल, ऑयल फिल्टर और एयर फिल्टर को चेंज करवाना चाहिए। इतने लंबे समय तक इस्तेमाल के बाद ये फिल्टर गंदगी और धूल से भर जाते हैं, जिससे इंजन की कार्यक्षमता घट जाती है और माइलेज पर असर पड़ता है।
साथ ही फ्यूल फिल्टर को भी चेक करवाएं क्योंकि बंद फिल्टर इंजन तक पर्याप्त ईंधन नहीं पहुंचने देता। अगर आपकी कार पेट्रोल इंजन वाली है तो स्पार्क प्लग बदलना बेहद जरूरी है। पुराने स्पार्क प्लग से पिकअप और माइलेज दोनों कम हो जाते हैं।

टाइमिंग बेल्ट और फैन बेल्ट पर नजर रखें

टाइमिंग बेल्ट और फैन बेल्ट कार के इंजन सिस्टम में अहम भूमिका निभाते हैं। आमतौर पर इनकी उम्र 80,000 से 1,00,000 किमी तक होती है। लेकिन अगर आपकी कार 1.20 लाख किमी पार कर चुकी है तो बेल्ट रिप्लेस करना ही समझदारी है। इन बेल्टों के टूटने से इंजन को गंभीर नुकसान हो सकता है और अचानक गाड़ी बंद हो सकती है। इसलिए इंजन की सर्विस के दौरान इन्हें जरूर चेक कराएं और जरूरत हो तो बदलवाएं।

ब्रेक सिस्टम की सेफ्टी सबसे जरूरी

इतनी दूरी तय करने के बाद ब्रेक पैड और डिस्क दोनों ही घिस जाते हैं। इसका सीधा असर ब्रेकिंग परफॉर्मेंस पर पड़ता है। अगर ब्रेक दबाने पर आवाज आती है या गाड़ी तुरंत नहीं रुकती, तो यह संकेत है कि अब ब्रेक पैड और डिस्क बदलने का समय आ गया है। इसके साथ ही ब्रेक फ्लूइड भी समय-समय पर बदलवाना चाहिए, क्योंकि पुराना फ्लूइड नमी सोख लेता है और ब्रेकिंग इफेक्ट कमजोर करता है। सेफ्टी के लिए यह जांच बेहद जरूरी है।

क्लच प्लेट और ट्रांसमिशन ऑयल भी करें रिप्लेस

1.20 लाख किलोमीटर चलने के बाद क्लच प्लेट स्लिप करने लगती है। इससे गियर शिफ्ट करने में कठिनाई होती है और गाड़ी की स्पीड परफॉर्मेंस पर असर पड़ता है। अगर एक्सीलेटर दबाने पर गाड़ी की स्पीड नहीं बढ़ती या इंजन का आरपीएम ज्यादा बढ़ जाता है, तो समझिए क्लच प्लेट अब बदलने का समय आ गया है। इसी तरह ट्रांसमिशन ऑयल को भी बदलना जरूरी है ताकि गियरबॉक्स स्मूद तरीके से काम करता रहे और गियर बदलते वक्त झटके महसूस न हों।

सस्पेंशन सिस्टम और शॉक एब्जॉर्बर की जांच

इतना लंबा सफर तय करने के बाद कार के सस्पेंशन सिस्टम पर भी असर पड़ता है। अगर आपकी गाड़ी सड़क के छोटे झटकों पर भी उछलने लगती है या चलाते समय “थड-थड” की आवाज आती है, तो यह संकेत है कि शॉक एब्जॉर्बर और बुशिंग्स अब रिप्लेस करने की जरूरत है। खराब सस्पेंशन न केवल राइड कम्फर्ट घटाता है, बल्कि लंबे समय में टायर और बॉडी पार्ट्स को भी नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए इन्हें नजरअंदाज न करें।

बैटरी और टायर की हालत देखें

1.20 लाख किलोमीटर तक पहुंचते-पहुंचते कार की बैटरी की लाइफ भी लगभग खत्म होने लगती है। अगर गाड़ी स्टार्ट होने में दिक्कत देती है या लाइट्स धीमी जलती हैं, तो बैटरी टेस्ट करवाएं और जरूरत हो तो रिप्लेस करें। टायर भी समय के साथ घिस जाते हैं। अगर टायर का ट्रेड डेप्थ कम हो गया है या उनमें क्रैक दिख रहे हैं, तो तुरंत नए टायर लगवाएं। पुराने टायर सड़क पर ग्रिप खो देते हैं जिससे फिसलने या एक्सीडेंट का खतरा बढ़ सकता है।

कूलेंट और अन्य फ्लूइड बदलना न भूलें

इंजन को ठंडा रखने के लिए कूलेंट बेहद जरूरी होता है। समय के साथ यह अपनी क्षमता खो देता है, जिससे इंजन ओवरहीट होने का खतरा रहता है। इसलिए कूलेंट, ब्रेक फ्लूइड, और पावर स्टीयरिंग ऑयल को भी बदलवाना जरूरी है।
अगर आपकी कार 1.20 लाख किलोमीटर चल चुकी है, तो केवल सर्विस करवाना पर्याप्त नहीं है। इस माइलेज पर इंजन, बेल्ट, ब्रेक, सस्पेंशन, क्लच, टायर और बैटरी जैसे जरूरी हिस्सों की पूरी जांच और रिप्लेसमेंट बेहद जरूरी है। ऐसा करने से आपकी कार की परफॉर्मेंस, माइलेज और सेफ्टी तीनों बेहतर बने रहेंगे। थोड़ी सी सावधानी और समय पर मेंटेनेंस से आपकी पुरानी कार फिर से नई जैसी परफॉर्मेंस देने लगेगी और आप बेफिक्र होकर हर सफर का मजा ले सकेंगे।