कैराना में भारतीय न्याय संहिता(बीएनएस) के तहत कोर्ट ने सुनाई पहली सजा

Bhiwani
सांकेतिक फोटो

पांच वर्ष के कठोर कारावास व दस हजार रुपये के अर्थदंड की सुनाई सजा

कैराना। जिला एवं सत्र न्यायालय ने भारतीय न्याय संहिता(बीएनएस) के तहत किसी मामले में पहला फैसला सुनाया है। जिला जज इंद्रप्रीत सिंह जोश ने घर में घुसकर महिला व उसके पुत्र को घायल करने के मामले में आरोपी को दोषी करार देते हुए पांच वर्ष के कठोर कारावास व दस हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। Kairana News

जिला शासकीय अधिवक्ता(क्राइम) संजय चौहान ने बताया कि एक व्यक्ति ने कोतवाली शामली में भारतीय न्याय संहिता(बीएनएस) की धारा-110,333,115(2),351(3) के तहत अभियोग पंजीकृत कराया था, जिसमें उसने 30 जुलाई 2024 को राकेश उर्फ मांगता निवासी मोहल्ला बरखण्डी शामली पर घर में घुसकर पत्नी व बेटे पर हमला करके घायल करने का आरोप लगाया था। विवेचक ने मामले की तफ्तीश करके आरोप-पत्र न्यायालय में दाखिल किया था। यह मामला कैराना स्थित जिला एवं सत्र न्यायाधीश इंद्रप्रीत सिंह जोश की कोर्ट में विचाराधीन था। मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से छह गवाह न्यायालय के समक्ष पेश किए गए।

न्यायाधीश ने पत्रावलियों के अवलोकन करने एवं दोनों पक्षों के वरिष्ठ अधिवक्ताओं के तर्क-वितर्क सुनने के पश्चात शुक्रवार को आरोपी राकेश उर्फ मंगता को दोषी करार देते हुए पांच वर्ष के कठोर कारावास व दस हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड अदा न करने पर कोर्ट ने दोषी को अतिरिक्त कारावास भुगतने के आदेश दिए है। विदित रहे कि विगत 01 जुलाई 2024 को भारतीय न्याय संहिता(बीएनएस) ने देश में इंडियन पेनल कोड(आईपीसी) की जगह ली थी। इसी दिन भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता(बीएनएसएस) व भारतीय साक्ष्य अधिनियम(बीएसए) भी लागू हुआ था। उपरोक्त तीनों आपराधिक कानून लागू होने के करीब साढ़े सोलह माह के अंदर जिला एवं सत्र न्यायालय के द्वारा किसी मामले में पहला निर्णय सुनाया गया है। Kairana News