
UP Railway News: मुज्जफरनगर। उत्तर प्रदेश के सात गांवों में जमीन का अधिग्रहण अब तय हो गया है, जो छितौनी-तमकुही रोड पर नई रेल लाइन बिछाने के लिए जरूरी है। रेलवे के बजट में इन गांवों की कुल 44.46 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण के साथ ही निर्माण कार्य के लिए धनराशि भी मंजूर की गई है। इससे यूपी और बिहार के बॉर्डर क्षेत्र के लोग रेल सेवा से सीधे जुड़ सकेंगे।
Bhatura Recipe: घर पर नहीं बन पाते बाजार जैसे फूले-फूले भटूरे, तो करिये ये काम, फिर देखों…
यह परियोजना 2006 से शुरू हुई थी, जब गोरखपुर-नरकटियागंज रेलखंड के पनियहवा स्टेशन से छितौनी और तमकुही रोड तक रेल लाइन बिछाने का कार्य शुरू हुआ। कुल 67.70 किमी लंबी यह रेल लाइन 25 गांवों से होकर गुजरेगी, जिसमें 12 गांव यूपी के कुशीनगर जिले में और 13 गांव बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले में हैं। रेलवे को इस रेल लाइन के लिए कुल 316 हेक्टेयर जमीन की जरूरत है।
वर्ष 2012 में पनियहवा से छितौनी तक का कार्य पूरा होने के बाद, इसके आगे का काम रुक गया था। पिछले बजट में इस परियोजना के लिए 10 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया था। अब, छितौनी-तमकुही रोड नई रेल लाइन के लिए पश्चिमी चंपारण के 13 गांवों में से आठ गांवों की 82.80 हेक्टेयर जमीन पहले ही अधिग्रहित हो चुकी है। वहीं, कुशीनगर जिले में 12 गांवों के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया जारी है।
नई रेल लाइन का निर्माण भदौरा से शुरू होकर उसिया और कर्मा गांव होते हुए सोनवल तक किया जाएगा। इस लाइन को देहवल गांव के समीप दिल्ली-हावड़ा मुख्य रेल मार्ग से जोड़ा जाएगा। यह संरचना त्रिभुजाकार होगी, जिससे ट्रेनों को सीधे पटना-हावड़ा रूट पर भेजा जा सकेगा।
बिजनौर जिले से दिल्ली
उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले से दिल्ली, मेरठ और एनसीआर को जोड़ने वाली एक नई रेलवे लाइन की दिशा में बड़ा कदम बढ़ाया गया है। बिजनौर–मेरठ–दिल्ली के बीच लगभग 66 किलोमीटर लंबी रेल लाइन बिछाने को लेकर सर्वेक्षण का काम पूरा हो चुका है और अब इसकी डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार की जा रही है।














