Deaflympics 2025 Tokyo: 25वें समर डेफ्लिंपिक्स 2025 में डेरा सच्चा सौदा का जलवा, जानिये कैसे

Deaflympics 2025 Tokyo
Deaflympics 2025 Tokyo: 25वें समर डेफ्लिंपिक्स 2025 में डेरा सच्चा सौदा का जलवा, जानिये कैसे

टोक्यो/जापान। Deaflympics 2025 Tokyo: 15 से 26 नवंबर 2025 तक जापान के टोक्यो में आयोजित 25वें समर डेफ्लिंपिक्स 2025 में भारतीय स्विमिंग टीम ने 90 देशों के बीच अपनी दमदार मौजूदगी दर्ज कराई और देश का नाम वैश्विक स्तर पर रोशन किया। इस सफलता के पीछे अहम भूमिका निभाई भारतीय टीम के मुख्य कोच डॉ. नवजीत सिंह भुल्लर, जिन्होंने एक बार फिर अपने अनुभव और मार्गदर्शन से खिलाड़ियों को उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए तैयार किया। गौरतलब है कि डॉ. नवजीत भुल्लर इससे पहले 2022 में ब्राजील में हुए डैफ ओलंपिक्स में भी भारतीय टीम के हेड कोच के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं।

25वें समर डेफ्लिंपिक्स 2025 से पूर्व, अहमदाबाद में स्पोर्ट्स अथॉरिटी आॅफ इंडिया के नेतृत्व में कोच डॉ. नवजीत भुल्लर की देखरेख में 21 दिवसीय विशेष प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया था, जिसमें खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की तैयारी कराई गई। भारत की ओर से अमन शर्मा (फरीदाबाद) और पुरुषोत्तम गोरे (महाराष्ट्र) ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 100 मीटर बैकस्ट्रोक और अन्य स्पर्धाओं में जापान, कनाडा, अमेरिका, चाइना और जर्मनी जैसे देशों के खिलाड़ियों को मात देकर भारत को विश्व स्तर पर 21वां स्थान दिलाया। Deaflympics 2025 Tokyo

डेरा सच्चा सौदा के कोच है डॉ. नवजीत भुल्लर

गौरतलब हैं कि डॉ. नवजीत भुल्लर रक्त में थकान दूर करने से संबंधित विषय ब्लड लैक्टेट पर पीएचडी करने वाले देश के एकमात्र प्रशिक्षक हैं। वह वर्तमान में डेरा सच्चा के शिक्षण संस्थानों में स्विमिंग कोच की भूमिका निभा रहे हैं। इसके अलावा, वे अमेरिका के फ्लोरिडा में आयोजित जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में भी भारतीय टीम के मुख्य कोच के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। Deaflympics 2025 Tokyo

डेरा सच्चा सौदा से जुड़े शाह सतनाम जी शिक्षण संस्थानों के खेल प्रशासक चरणजीत सिंह इन्सां तथा शिक्षण संस्थानों के प्रभारियों ने भारतीय खिलाड़ियों को बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। बताते चलें कि कोच नवजीत सिंह भुल्लर की प्रारंभिक शिक्षा शाह सतनाम जी बॉयज स्कूल तथा कॉलेज की पढ़ाई शाह सतनाम जी छात्र महाविद्यालय, सिरसा से हुई है। वहीं कार्च ने इसका श्रेय पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां को दिया।