Punjab Elections: पंजाब में जिला परिषद और पंचायत समितियों के चुनावों का ऐलान

Chandigarh
Chandigarh: राज्य में चुनाव आचार संहिता लागू, 14 दिसंबर को डाले जाएंगे वोट, 17 दिसंबर को आएंगे नतीजे

राज्य में चुनाव आचार संहिता लागू, 14 दिसंबर को डाले जाएंगे वोट, 17 दिसंबर को आएंगे नतीजे

  • उम्मीदवारों में 50 प्रतिशत महिलाओं का आरक्षण, सुरक्षा व स्टाफ की व्यापक तैनाती

चंडीगढ़ (सच कहूँ/अश्वनी चावला)। Punjab Elections: पंजाब में जिला परिषद और पंचायत समितियों के चुनावों का ऐलान कर दिया गया है। चुनावों की घोषणा के साथ ही राज्य में चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है। इसके चलते अब सरकार कोई बड़ा ऐलान नहीं कर सकेगी और अधिकारियों का तबादला भी नहीं किया जा सकेगा। चुनाव 14 दिसंबर को होंगे और नतीजे 17 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे। राज्य चुनाव आयोग ने इन चुनावों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण तय किया है। चुनावों को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए 50 हजार से अधिक पुलिस कर्मियों को सुरक्षा ड्यूटी पर लगाया जाएगा, जबकि 96 हजार पोलिंग स्टाफ भी तैनात रहेगा। Chandigarh

राज्य चुनाव अधिकारी राजकमल चौधरी ने जानकारी देते हुए बताया कि नामांकन पत्र 1 दिसंबर से 4 दिसंबर तक भरे जा सकेंगे। 5 दिसंबर को नामांकन पत्रों की जांच होगी और 6 दिसंबर को नामांकन वापस लिए जा सकेंगे। उसी दिन चुनाव चिन्ह भी आवंटित कर दिए जाएंगे। इसके बाद 14 दिसंबर को मतदान होगा। चौधरी ने बताया कि चुनावों के लिए कुल 19,181 मतदान केंद्र बनाए जा रहे हैं। इनमें से 905 को अति संवेदनशील और 3528 को संवेदनशील घोषित किया गया है।

राज्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि जिला परिषद् के लिए प्रत्येक जिले में 357 जोन बनाए गए हैं, जिनमें से प्रत्येक से एक सदस्य का चुनाव होगा। इसी तरह 154 पंचायत समितियों के अंतर्गत 15 से 25 जोन बनाए गए हैं, जिनकी कुल संख्या 2863 है। प्रत्येक जोन से एक सदस्य का चुनाव होगा। चुनाव आयोग ने जिला परिषद् और पंचायत समिति चुनावों के लिए नामांकन शुल्क तय किया है। अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए यह शुल्क आधा होगा। जिला परिषद् चुनाव में उम्मीदवार अधिकतम 2 लाख 55 हजार रुपये और पंचायत समिति चुनाव में 1 लाख 10 हजार रुपये तक ही खर्च कर सकेंगे।

बैलट पेपर से होंगे चुनाव | Chandigarh

चौधरी ने कहा कि चुनाव बैलट पेपर से कराए जाएंगे और दोनों बैलट पेपर अलग-अलग रंग के होंगे। उन्होंने बताया कि पंजाब में ईवीएम से चुनाव कराने के लिए कम से कम 40 हजार मशीनों की आवश्यकता है, लेकिन भारतीय चुनाव आयोग इतनी बड़ी संख्या में ईवीएम उपलब्ध कराने से इनकार कर चुका है। इस कारण चुनाव बैलट पेपर से ही कराए जाएंगे। उन्होंने स्वीकार किया कि बैलट पेपर से चुनाव होने के चलते नतीजे आने में थोड़ी देरी हो सकती है, लेकिन इसके अलावा कोई विकल्प नहीं है।

यह भी पढ़ें:– Transfers: चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले 140 अधिकारियों के तबादले