10 Rupee Coin: फतेहाबाद। डीसी डॉ. विवेक भारती ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि 10 रुपये का सिक्का भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा जारी किया गया पूरी तरह वैध चलन है। इसे लेकर आमजन में किसी भी प्रकार का भ्रम नहीं होना चाहिए। उन्होंने बताया कि देश में प्रचलित 10 रुपये के सभी सिक्के—चाहे वे किसी भी वर्ष या डिज़ाइन के हों—कानूनी रूप से मान्य हैं और लेन-देन में स्वीकार किए जाने चाहिए।
डॉ. भारती ने कहा कि कुछ स्थानों पर यह गलत धारणा फैल गई है कि 10 रुपये के सिक्के नकली हैं या अमान्य हैं, जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं है। यह भ्रम अफवाहों के कारण पैदा हुआ है। उन्होंने आम नागरिकों से अपील की कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और RBI द्वारा जारी दिशा-निर्देशों पर भरोसा करें।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी दुकानदार, व्यापारी या संस्था द्वारा 10 रुपये के सिक्के लेने से इंकार करना कानूनन गलत है। ऐसा करने पर संबंधित व्यक्ति या संस्था के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जा सकती है। भारतीय मुद्रा अधिनियम के तहत वैध चलन को अस्वीकार करना अपराध की श्रेणी में आता है।
प्रशासन ने व्यापारियों और आम लोगों से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि वे जागरूक बनें और दूसरों को भी सही जानकारी दें। यदि कहीं 10 रुपये का सिक्का लेने से मना किया जाता है, तो इसकी सूचना स्थानीय प्रशासन या संबंधित विभाग को दी जा सकती है। अंत में, डॉ. विवेक भारती ने कहा कि 10 रुपये का सिक्का देश की अर्थव्यवस्था का अभिन्न हिस्सा है। इसे लेकर फैलाए जा रहे भ्रम को दूर करना हम सभी की जिम्मेदारी है, ताकि लेन-देन सुचारू रूप से चलता रहे और आम जनता को किसी प्रकार की असुविधा न हो।















