US High Court: वॉशिंगटन। अमेरिका के सर्वोच्च न्यायालय ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को इलिनोइस राज्य में नेशनल गार्ड की तैनाती से रोकते हुए प्रशासन को बड़ा झटका दिया है। अदालत ने स्पष्ट किया कि इस स्तर पर सेना की तैनाती के लिए केंद्र सरकार के पास पर्याप्त कानूनी आधार नहीं है। US Court News
समाचार एजेंसी के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने 6–3 के बहुमत से ट्रंप प्रशासन की याचिका खारिज कर दी। न्यायालय की वेबसाइट पर जारी आदेश में कहा गया कि प्रारंभिक चरण में सरकार ऐसा कोई ठोस अधिकार-स्रोत प्रस्तुत नहीं कर सकी, जो इलिनोइस में सेना को कानून-व्यवस्था लागू करने की अनुमति देता हो।
यह मामला 4 अक्टूबर से जुड़ा है, जब राष्ट्रपति ट्रंप ने इलिनोइस नेशनल गार्ड के करीब 300 जवानों को विशेष रूप से शिकागो और उसके आसपास के क्षेत्रों में संघीय सेवा के तहत बुलाने का आदेश दिया था। अदालत के अनुसार, इसके अगले ही दिन टेक्सास नेशनल गार्ड के कुछ सदस्यों को भी संघीय सेवा में शामिल कर शिकागो भेजा गया।
16 अक्टूबर को अमेरिकी अपीलीय अदालत ने आदेश रखा बरकरार
इसके बाद 9 अक्टूबर को इलिनोइस के नॉर्दर्न डिस्ट्रिक्ट की अमेरिकी जिला अदालत ने अंतरिम आदेश जारी कर नेशनल गार्ड को संघीय सेवा में शामिल करने और उनकी तैनाती पर रोक लगा दी थी। 16 अक्टूबर को सेवेंथ सर्किट की अमेरिकी अपीलीय अदालत ने इस आदेश को बरकरार रखते हुए प्रशासन को केवल गार्ड को संघीय सेवा में लेने की अनुमति दी, लेकिन उनकी तैनाती की इजाजत नहीं दी गई। इसके विरुद्ध ट्रंप प्रशासन ने सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया था। US Court News
व्हाइट हाउस की प्रवक्ता एबिगेल जैक्सन ने फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राष्ट्रपति ने नेशनल गार्ड को संघीय कानून लागू करने वाले अधिकारियों की सुरक्षा के उद्देश्य से सक्रिय किया था, ताकि दंगाई तत्व संघीय इमारतों और संपत्तियों को नुकसान न पहुंचा सकें।
वहीं, इलिनोइस के डेमोक्रेटिक गवर्नर जे.बी. प्रित्जकर ने शिकागो के डेमोक्रेटिक मेयर के साथ इस तैनाती का कड़ा विरोध किया था। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए इसे इलिनोइस राज्य और अमेरिकी लोकतंत्र के लिए एक महत्वपूर्ण जीत बताया। US Court News















