Nitish Kumar Hijab Row: पटना। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान की गई कार्रवाई पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। एसोसिएशन ने पत्र जारी कर महिला डॉक्टर का नकाब हटाने की घटना को अत्यंत आपत्तिजनक बताते हुए इसकी कड़ी निंदा की है। Nitish Kumar News
एससीबीए के अनुसार, एक संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति द्वारा किसी महिला के सिर से दुपट्टा हटाना उसकी गरिमा, निजी स्वतंत्रता और आत्मनिर्णय के अधिकार पर सीधा आघात है। यह घटना 15 दिसंबर को मुख्यमंत्री सचिवालय में आयोजित उस समारोह के दौरान हुई, जहां आयुष विभाग के चयनित चिकित्सकों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए जा रहे थे। कार्यक्रम के दौरान जब एक महिला डॉक्टर नियुक्ति पत्र लेने पहुंचीं, तो मुख्यमंत्री ने उनके चेहरे पर नकाब देखकर टिप्पणी की और उसे हटा दिया, जिसका वीडियो बाद में व्यापक रूप से प्रसारित हुआ।
एसोसिएशन की सचिव प्रज्ञा बघेल द्वारा हस्ताक्षरित पत्र में कहा गया है कि यह कृत्य न केवल महिला की व्यक्तिगत स्वायत्तता और धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन है, बल्कि समाज में महिलाओं के प्रति विकृत सोच को भी उजागर करता है। पत्र में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री संजय निषाद की टिप्पणियों की भी निंदा की गई है, जिन्हें महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाला बताया गया है। Nitish Kumar News
संगठन ने बिना किसी शर्त के सार्वजनिक माफी की मांग की
एससीबीए ने इन घटनाओं को संविधान में निहित समानता, सम्मान और भेदभाव-रहित व्यवहार के सिद्धांतों के विरुद्ध करार दिया है। संगठन ने मुख्यमंत्री तथा विवाद से जुड़े अन्य व्यक्तियों से बिना किसी शर्त के सार्वजनिक माफी की मांग की है। इस प्रकरण के सामने आने के बाद राजनीतिक हलकों में भी तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने मुख्यमंत्री के पक्ष में बयान देते हुए कहा कि नियुक्ति पत्र लेने के दौरान चेहरे का दिखना आवश्यक है और उन्होंने इस कार्रवाई को उचित ठहराया। वहीं, उत्तर प्रदेश के मंत्री संजय निषाद की एक टिप्पणी को लेकर भी आलोचना हुई, जिसे बाद में उन्होंने गलत तरीके से प्रस्तुत किए जाने की बात कही।
विवाद के बीच पटना के सिविल सर्जन डॉ. अविनाश कुमार सिंह ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि संबंधित महिला डॉक्टर अब भी अपनी नियुक्ति स्वीकार कर सकती हैं। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की स्वीकृति मिलने पर वह योगदान दे सकती हैं और आवश्यकता पड़ने पर ज्वाइनिंग की समय-सीमा बढ़ाई जा सकती है। डॉ. सिंह के अनुसार, अब तक अधिकांश चयनित डॉक्टर अपने पद संभाल चुके हैं और शेष उम्मीदवारों के लिए भी समान प्रक्रिया लागू होगी। Nitish Kumar News














