Pakistan: पाकिस्तान में एचआईवी संकट! 4 हजार बच्चे संक्रमित, सरकारी अस्पतालों की हालत खस्ता

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Pakistan: पाकिस्तान में एचआईवी संकट! 4 हजार बच्चे संक्रमित, सरकारी अस्पतालों की हालत खस्ता

Sindh HIV Crisis: इस्लामाबाद। पाकिस्तान के सिंध प्रांत में स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली एक गंभीर मानवीय संकट का रूप लेती जा रही है। हालिया रिपोर्टों के अनुसार, प्रदेश में लगभग चार हजार बच्चे एचआईवी से संक्रमित पाए गए हैं। ये आंकड़े न केवल चिंता बढ़ाने वाले हैं, बल्कि वर्षों से चली आ रही प्रशासनिक लापरवाही और कमजोर स्वास्थ्य ढांचे की भी पोल खोलते हैं। अब पाकिस्तान का स्थानीय मीडिया भी सरकारी अस्पतालों की जर्जर हालत को उजागर कर रहा है। Pakistan News

सिंध के हैदराबाद शहर स्थित प्रमुख जिला अस्पताल की स्थिति अत्यंत दयनीय बताई जा रही है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, न केवल जिला अस्पताल बल्कि शहर के विभिन्न तालुका अस्पतालों में आवश्यक दवाओं का भारी अभाव है। जांच के लिए जरूरी आधुनिक उपकरणों की कमी के कारण मरीज साधारण प्रयोगशाला परीक्षण तक नहीं करा पा रहे हैं। मजबूरी में उन्हें निजी अस्पतालों और प्रयोगशालाओं की ओर रुख करना पड़ता है, जहां उनसे भारी शुल्क वसूला जा रहा है।

हाला नाका रोड पर बना ट्रॉमा सेंटर अब तक शुरू नहीं हो सका

हालात इतने खराब हैं कि हाला नाका रोड पर बना ट्रॉमा सेंटर अब तक शुरू नहीं हो सका है, जिससे हैदराबाद के जिला अस्पताल पर अतिरिक्त दबाव बढ़ गया है। यह अस्पताल पूरे सिंध से आने वाले मरीजों के लिए प्रमुख इलाज केंद्र माना जाता है, लेकिन यहां भी कई चिकित्सा उपकरण खराब पड़े हैं और इलाज की सुविधाएं सीमित हैं। Pakistan News

फिलहाल जिला अस्पताल में केवल एक एमआरआई और एक सीटी स्कैन मशीन कार्यरत है, जबकि अन्य जांच उपकरण लंबे समय से बंद पड़े हैं। रिपोर्टों के अनुसार, तालुका स्तर के अस्पतालों की स्थिति और भी चिंताजनक है। लतीफाबाद, कासिमाबाद, प्रीताबाद और अन्य सरकारी अस्पतालों व स्वास्थ्य केंद्रों में न तो पर्याप्त जांच सुविधाएं हैं और न ही आवश्यक दवाएं उपलब्ध हैं।

इसी बीच, एचआईवी संक्रमण को लेकर सामने आई एक और रिपोर्ट ने हालात की गंभीरता को और बढ़ा दिया है। एशिया-प्रशांत क्षेत्र में एचआईवी मामलों की संख्या के लिहाज से पाकिस्तान दूसरे स्थान पर पहुंच गया है। यह संकट केवल एक स्वास्थ्य आपातकाल नहीं, बल्कि संस्थागत विफलताओं, भ्रष्टाचार और बुनियादी स्वास्थ्य मानकों की अनदेखी का परिणाम माना जा रहा है। Pakistan News

एचआईवी फैलने के बड़े कारण हैं:-

रिपोर्टों में बताया गया है कि एक ही सिरिंज का बार-बार इस्तेमाल, असुरक्षित रक्त चढ़ाना और चिकित्सा नियमों की खुलेआम अवहेलना एचआईवी फैलने के बड़े कारण हैं। उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, सिंध में 3,995 एचआईवी संक्रमित बच्चों के मामले दर्ज किए जा चुके हैं, जबकि वास्तविक संख्या इससे कहीं अधिक होने की आशंका जताई जा रही है।

चिंता की बात यह भी है कि पाकिस्तान में छह लाख से अधिक झोलाछाप चिकित्सक सक्रिय हैं, जिनमें से बड़ी संख्या कराची में काम कर रही है। निगरानी के अभाव में ये फर्जी डॉक्टर असुरक्षित तरीकों से इलाज करते हैं, जिससे संक्रमण तेजी से फैल रहा है। इसके अलावा, कई एचआईवी उपचार केंद्रों में जांच किट, जीवनरक्षक दवाओं और प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मियों की कमी है। मरीजों को बुनियादी उपचार के लिए भी एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल भटकना पड़ता है।

विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान में फैलता एचआईवी संकट किसी एक कारण का नतीजा नहीं, बल्कि वर्षों की उपेक्षा, कमजोर नीतियों और भ्रष्ट व्यवस्था की देन है। यह केवल बीमारी की कहानी नहीं, बल्कि उस तंत्र की विफलता का उदाहरण है, जिसने समय रहते खतरे को पहचानने और रोकने में चूक की। Pakistan News