Mohammed Rafi 101st birth anniversary: हनुमानगढ़। महान पार्श्व गायक स्वर्गीय मोहम्मद रफी की 101वीं जयंती के मौके पर बुधवार देर शाम को टाउन स्थित धान मंडी में आराधना म्यूजिकल ग्रुप की ओर से विशेष संगीत कार्यक्रम ‘तुम मुझे यूं भुला ना पाओगे’ का आयोजन किया गया। सुरों और स्मृतियों से भरे इस आयोजन में रफी साहब की कालजयी गायकी को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि व्यापार मंडल शिक्षण समिति के अध्यक्ष बालकृष्ण गोल्याण रहे, जबकि अध्यक्षता नगर परिषद के लीगल एडवाइजर अमित महेश्वरी ने की। मंचासीन अतिथियों ने रफी साहब के संगीतात्मक योगदान को भारतीय सांस्कृतिक विरासत का अमूल्य हिस्सा बताया। Hanumangarh News
गायक मोहम्मद रफी की 101वीं जयंती पर सुरों से सजी श्रद्धांजलि
कार्यक्रम के दौरान संगीत प्रेमियों और गायकों ने रफी साहब के सदाबहार गीतों की प्रस्तुति देकर माहौल को भावनात्मक बना दिया। अतिथियों ने अपने संबोधन में कहा कि रफी साहब की आवाज केवल सुरों तक सीमित नहीं थी, वह सीधे आत्मा से संवाद करती थी। उन्होंने हंसी को गीत, दर्द को दुआ और प्रेम को अमर स्वर दिया। रफी साहब सिर्फ एक गायक नहीं, बल्कि भारतीय संगीत की रूह थे। उनकी गायकी में मां की लोरी की ममता, प्रेमी की तड़प, फकीर की फकीरी और भक्त की श्रद्धा एक साथ समाहित थी। उनकी सबसे बड़ी विशेषता यह थी कि वे गीत नहीं गाते थे, बल्कि किरदार में उतरकर उसे जीते थे। चाहे कोमल गजल हो या ओजपूर्ण देशभक्ति गीत हर सुर में ईमानदारी झलकती थी।
वक्ताओं ने कहा कि रफी साहब भले ही आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी आवाज आज भी दुख में सहारा, खुशी में साथी और तन्हाई में दोस्त बनकर हमारे साथ है। उनकी गायकी समय से परे है न कभी बूढ़ी होगी, न कभी खामोश। इस अवसर पर एक गीतकार की पंक्तियां भी याद की गईं। ‘ना तुझ सा सुखनवर तेरे बाद आया, मोहम्मद रफी, तू बहुत याद आया।’ कार्यक्रम देर रात तक चला और श्रोताओं ने तालियों के साथ सुरों के इस सफर को यादगार बना दिया। कार्यक्रम के अंत में ग्रुप अध्यक्ष साहिल फतेहगढ़िया ने आभार व्यक्त किया। Hanumangarh News















