Kashmir Weather Update: श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में रविवार को ठंड से कुछ राहत देखने को मिली, जब न्यूनतम तापमान शून्य से ऊपर दर्ज किया गया। मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार आने वाले दिनों में मौसम फिर करवट ले सकता है। विभाग ने 30 दिसंबर से 1 जनवरी के बीच हल्की वर्षा और हिमपात की संभावना जताई है। Jammu-Kashmir Weather News
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार श्रीनगर में न्यूनतम तापमान 0.8 डिग्री सेल्सियस रहा। पर्यटन स्थल गुलमर्ग में पारा माइनस 2.2 डिग्री और पहलगाम में माइनस 1.8 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। वहीं जम्मू संभाग में तापमान अपेक्षाकृत अधिक रहा, जहां जम्मू शहर में न्यूनतम तापमान 8.1 डिग्री, कटरा में 8.2, बटोटे में 6.9, बनिहाल में 4.5 और भद्रवाह में 1.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
मौसम विभाग का अनुमान है कि सोमवार तक आसमान में बादल छाए रहेंगे। विभाग के अनुसार 30 दिसंबर से 1 जनवरी के दौरान कई इलाकों में हल्की बारिश और बर्फबारी हो सकती है। खास तौर पर 31 दिसंबर और 1 जनवरी को कश्मीर घाटी के मध्य और उत्तरी क्षेत्रों में मध्यम स्तर की बर्फबारी होने की संभावना जताई गई है। Jammu-Kashmir Weather News
सर्दियों के सबसे कठोर दौर स्थानीय भाषा में ‘चिल्लई कलां’
कश्मीर में सर्दियों के सबसे कठोर दौर को स्थानीय भाषा में ‘चिल्लई कलां’ कहा जाता है, जिसकी शुरुआत 21 दिसंबर से हो चुकी है और यह 30 जनवरी तक चलेगा। इस अवधि में होने वाली बर्फबारी को बेहद अहम माना जाता है, क्योंकि यही हिमपात पहाड़ी क्षेत्रों में प्राकृतिक जल भंडारों को भरता है। ये जल स्रोत गर्मियों में नदियों, झीलों और झरनों को जीवन देते हैं। यदि इस दौरान पर्याप्त बर्फ न गिरे, तो आने वाले महीनों में सूखे जैसी स्थिति बनने की आशंका रहती है।
नववर्ष के मौके पर घाटी में पर्यटकों की आमद तेजी से बढ़ी है। नए साल का जश्न मनाने पहुंचे सैलानियों के कारण श्रीनगर, गुलमर्ग और पहलगाम के अधिकतर होटल पूरी तरह भर चुके हैं। पर्यटक अपनी छुट्टियों को यादगार बनाने के लिए वर्ष के अंतिम और पहले दिन अच्छी बर्फबारी की उम्मीद लगाए हुए हैं।
घाटी के बुजुर्ग आज भी चिल्लई कलां की उन सर्द रातों को याद करते हैं, जब सुबह उठते ही चारों ओर मोटी बर्फ की परत नजर आती थी। छतों के किनारों से लटकती बर्फ की बूंदें सूरज की किरणों में इंद्रधनुषी आभा बिखेर देती थीं। उस समय भारी हिमपात के कारण सड़कें कई दिनों तक बंद रहती थीं और लोग अपने घरों में उगाई गई सब्जियों, घरेलू मुर्गियों के अंडों और पालतू पशुओं के दूध पर निर्भर रहकर जीवन यापन करते थे। Jammu-Kashmir Weather News















