सड़क से कारोबार को मिलनी थी रफ्तार, वही बन गई अवैध खनिज परिवहन का शॉर्टकट

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Chhachhrauli News: सड़क से कारोबार को मिलनी थी रफ्तार, वही बन गई अवैध खनिज परिवहन का शॉर्टकट

छछरौली (सच कहूँ/राजेंद्र कुमार)। Chhachhrauli News: उपमंडल छछरौली बाजार चौक नंबर दो से असाहबपुर (शाहपुर) होते हुए घाड़ क्षेत्र को जोड़ने वाली सड़क सात साल के लंबे इंतजार के बाद बनकर तैयार तो हो गई, लेकिन अब यह सड़क अवैध खनिज परिवहन करने वाले ओवरलोड वाहनों के लिए शॉर्टकट बनती जा रही है। रात के अंधेरे में अवैध खनिज सामग्री से भरे डंपर और ट्रैक्टर-ट्रॉलियां इस सड़क से बेधड़क गुजर रहे हैं, जिससे कस्बावासियों में नई बनी सड़क के जल्द टूटने की चिंता गहराने लगी है।

पिछले लगभग एक माह से अवैध खनिज परिवहन में लगे वाहन प्रशासन द्वारा हाईवे और मुख्य मार्गों पर लगाए गए नाकों से बचने के लिए इस लिंक रोड का इस्तेमाल कर रहे हैं। नतीजतन, शहर के बीचोंबीच से भारी और ओवरलोड वाहन गुजर रहे हैं, लेकिन इन्हें रोकने वाला कोई नहीं है।

सात साल की लड़ाई के बाद बनी थी सड़क | Chhachhrauli News

करीब 360 हेक्टेयर क्षेत्र में फैले छछरौली–शाहपुर रिजर्व फॉरेस्ट के बीच से सड़क निर्माण को लेकर कस्बावासियों ने वर्षों तक संघर्ष किया था। लंबे विवाद और प्रक्रियाओं के बाद सड़क बनी, जिससे पहले 7–8 किलोमीटर का सफर घटकर महज 3 किलोमीटर रह गया। उम्मीद थी कि इससे छछरौली बाजार के ठंडे पड़े कारोबार को नई रफ्तार मिलेगी, लेकिन अवैध खनिज से भरे वाहनों ने इन उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। पहले घाड़ क्षेत्र से निकलने वाले खनिज वाहन लेदी, शेरपुर मोड़ और छछरौली तिराहे से होकर गुजरते थे, लेकिन अब जंगल के इस नए रास्ते से सीधे बाजार में प्रवेश कर रहे हैं। मुख्य सड़कों पर कड़ी निगरानी और नाकों के कारण बिना बिल और ई-रवाना के वाहन रात के समय इसी शॉर्टकट का सहारा ले रहे हैं।

रिजर्व फॉरेस्ट में वन्य जीवों पर भी संकट

यह सड़क 360 हेक्टेयर के रिजर्व फॉरेस्ट से होकर गुजरती है, जहां मोर और नीलगाय जैसे वन्य जीवों का बसेरा है। दिन के समय दोपहिया और हल्के वाहनों की आवाजाही रहती है, लेकिन सर्दी के मौसम में रात के समय भारी वाहनों की आवाज और तेज रफ्तार से वन्य जीवों पर खतरा बढ़ गया है।स्थानीय लोगों के अनुसार, सड़क बनने से पहले कच्चे रास्ते पर दिन भर मोर खुलेआम घूमते नजर आते थे, लेकिन अब शोर-शराबे और रात की हलचल के कारण पक्षी और जानवर जंगल से बाहर निकलने से डर रहे हैं। यही कारण था कि वन विभाग लंबे समय तक इस सड़क के निर्माण को लेकर सहमत नहीं था।

विभागीय जिम्मेदारी पर सवाल

बीएंडआर विभाग के छछरौली के एसडीओ गिरिश कुमार ने बताया कि सड़क पर ओवरलोड रेत-बजरी वाहनों को रोकना संबधित विभागों की जिम्मेदारी है।। बीएंडआर विभाग किसी को सड़क से गुजरने से नहीं रोक सकता। उन्होंने कहा कि यदि एसडीएम या किसी सक्षम अधिकारी से आदेश मिलते हैं तो सड़क पर ऊंचाई का बैरियर लगाया जा सकता है, ताकि बड़े वाहन इस रास्ते से न गुजर सकें। Chhachhrauli News

मिला ओवरलोड तो करेंगे कार्रवाई: एमवीओ

आरटीए के एमवीओ हरप्रीत रंधावा ने बताया कि वह चेक करवाएंगे ओर अगर ओवरलोड चलता मिला तो कार्रवाई करेंगे।

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