Hottest Place On Earth: ये है विश्व की सबसे गर्म जगह, जहां पर कभी नहीं पड़ती ठंड

Hottest Place On Earth
Hottest Place On Earth: ये है विश्व की सबसे गर्म जगह, जहां पर कभी नहीं पड़ती ठंड

Hottest Place On Earth: जब दुनिया में भयानक गर्मी की बात होती है, तो ज़हन में अक्सर सहारा रेगिस्तान या मिडल ईस्ट के शहर आ जाते हैं। लेकिन हकीकत में धरती की सबसे गर्म जगह इनमें से कोई नहीं, बल्कि इथियोपिया का दूर-दराज़ इलाका डलॉल है। डलॉल को खास बनाती है इसकी लगातार रहने वाली गर्मी—यहां कभी भी ठंडा मौसम नहीं आता।

पूरे साल रिकॉर्ड तोड़ तापमान | Hottest Place On Earth

डलॉल के नाम धरती पर सबसे अधिक औसत वार्षिक तापमान का रिकॉर्ड दर्ज है। यहां औसत तापमान लगभग 34.6 डिग्री सेल्सियस रहता है। दुनिया की अन्य गर्म जगहों के विपरीत, जहां रात या सर्दियों में तापमान गिर जाता है, डलॉल में ऐसा नहीं होता।

यहां सर्दियों में भी तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से नीचे नहीं जाता, जबकि गर्मियों में यह 49 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। यही वजह है कि डलॉल को धरती की सबसे लगातार गर्म जगह माना जाता है।

किसी दूसरे ग्रह जैसा नज़ारा

डलॉल डनाकिल डिप्रेशन में स्थित है, जो धरती के सबसे निचले और सबसे ज्यादा भूवैज्ञानिक रूप से सक्रिय इलाकों में से एक है। इस जगह को अक्सर “धरती पर मंगल” कहा जाता है। यहां दिखाई देने वाले चमकीले पीले, हरे, नारंगी और सफेद रंग किसी पौधे या फूलों की वजह से नहीं हैं, बल्कि सल्फर, आयरन ऑक्साइड, नमक और पोटाश के बीच होने वाली रासायनिक प्रतिक्रियाओं का नतीजा हैं। पूरा इलाका किसी साइंस फिक्शन फिल्म के सेट जैसा लगता है।

धरती की सबसे जहरीली जगहों में से एक

डलॉल सिर्फ गर्म ही नहीं, बल्कि बेहद खतरनाक भी है। यहां मौजूद हाइड्रोथर्मल पूल इतने ज्यादा एसिडिक हैं कि उनका pH स्तर शून्य या उससे भी कम हो सकता है। इसके अलावा, सल्फर डाइऑक्साइड और क्लोरीन जैसी जहरीली गैसें लगातार हवा में निकलती रहती हैं, जो इंसानों के लिए बेहद नुकसानदेह हैं। यही कारण है कि यहां लंबे समय तक रहना लगभग असंभव है।

समुद्र तल से नीचे और भूवैज्ञानिक रूप से सक्रिय

डलॉल समुद्र तल से लगभग 120–130 मीटर नीचे स्थित है, जिससे यह धरती के सबसे निचले बिंदुओं में गिना जाता है। यह इलाका एक पुराने ज्वालामुखी क्रेटर पर बसा है, जो मोटी नमक की परतों से ढका हुआ है।
भूमि के नीचे मौजूद मैग्मा भूजल को गर्म करता है, जिससे लगातार रासायनिक विस्फोट, एसिडिक तालाब और नमक के खंभे बनते रहते हैं।

एक भूला-बिसरा घोस्ट टाउन

1900 के दशक की शुरुआत में डलॉल कुछ समय के लिए इटली के शासन में रहा। तब इसे नमक और पोटाश निकालने के लिए एक माइनिंग सेंटर बनाया गया था। हालांकि, अत्यधिक गर्मी, जहरीला वातावरण और कठिन जीवन परिस्थितियों के कारण धीरे-धीरे लोग यहां से पलायन करने लगे।

आज डलॉल एक घोस्ट टाउन बन चुका है—एक ऐसी जगह जहां प्रकृति की ताकत इंसान की सीमाओं को साफ़ दिखा देती है। डलॉल धरती की उन चंद जगहों में से एक है जो हमें याद दिलाती है कि हमारा ग्रह कितना अद्भुत, रहस्यमय और खतरनाक हो सकता है। लगातार गर्मी, जहरीली गैसें और किसी दूसरे ग्रह जैसे दृश्य—ये सब मिलकर डलॉल को दुनिया की सबसे अनोखी और चरम जगहों में शामिल करते हैं।

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