Haryana: प्रतापनगर, राजेन्द्र कुमार। विकसित भारत–2047 के संकल्प को साकार करने की दिशा में हरियाणा ने एक और बड़ी उपलब्धि अपने नाम कर ली है। प्रधानमंत्री विकसित भारत योजना के तहत रोजगार सृजन के क्षेत्र में हरियाणा ने देश के बड़े राज्यों को पीछे छोड़ते हुए चौथा स्थान हासिल किया है। यह उपलब्धि न केवल राज्य सरकार की नीतियों की सफलता को दर्शाती है, बल्कि युवाओं और कर्मचारियों के लिए नए अवसरों का द्वार भी खोलती है।
3.5 करोड़ रोजगार और 1 लाख करोड़ का लक्ष्य | Haryana
प्रधानमंत्री विकसित भारत योजना के अंतर्गत देशभर में 3.5 करोड़ नए रोजगार सृजित करने और 1 लाख करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि वितरित करने का लक्ष्य रखा गया है। इस महत्वाकांक्षी योजना में हरियाणा की मजबूत भागीदारी ने राज्य को राष्ट्रीय स्तर पर एक अग्रणी स्थान दिलाया है।
किन कर्मचारियों को मिलेगा सीधा लाभ
इस योजना के तहत उन नए कर्मचारियों को विशेष लाभ दिया जाएगा—
जिनका ईपीएफओ (EPFO) रजिस्ट्रेशन 1 अगस्त 2025 से 31 जुलाई 2027 के बीच हुआ हो
जिनका मासिक वेतन 1 लाख रुपये से कम हो
ऐसे पात्र कर्मचारियों को 15,000 रुपये तक की राशि कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) खाते में दो किस्तों में अतिरिक्त भत्ते के रूप में मिलेगी।
पहली किस्त नियुक्ति के बाद
दूसरी किस्त वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम से जुड़ी होगी, ताकि कर्मचारी भविष्य की बचत और वित्तीय योजना के प्रति जागरूक बन सकें।
योजना के प्रचार-प्रसार पर जोर
इस सफलता को और आगे बढ़ाने तथा योजना की व्यापक जानकारी आमजन तक पहुंचाने के लिए हरियाणा सरकार सक्रिय रूप से काम कर रही है। इसी कड़ी में पंचकूला स्थित कौशल भवन में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता हरियाणा के श्रम तथा युवा अधिकारिता एवं उद्यमिता विभाग के प्रधान सचिव राजीव रंजन ने की।
बैठक में—
तकनीकी शिक्षा
उच्चतर शिक्षा
रोजगार
कौशल विकास विभाग
के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ राज्यभर के आईटीआई प्रधानाचार्यों ने भाग लिया। बैठक का मुख्य उद्देश्य था कि रोजगार मेलों के माध्यम से इस योजना को अधिक से अधिक युवाओं तक पहुंचाया जाए, ताकि वे इसका सीधा लाभ उठा सकें।
युवाओं के लिए सुनहरा अवसर
प्रधानमंत्री विकसित भारत योजना हरियाणा के युवाओं और कर्मचारियों के लिए एक सुनहरा अवसर बनकर सामने आई है। इससे न केवल रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे, बल्कि आर्थिक सुरक्षा और वित्तीय सशक्तिकरण को भी मजबूती मिलेगी।
कुल मिलाकर, हरियाणा का यह कदम राज्य को रोजगार के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों तक ले जाने के साथ-साथ विकसित भारत–2047 के सपने को साकार करने में भी अहम भूमिका निभाएगा।















