पूज्य गुरु जी के अनमोल मार्गदर्शन की बदौलत भारत के युवा सितारे कनिष्क चौहान की तरह गाड़ रहे सफलता के झंडे

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सरसा (सच कहूँ/सुनील बजाज)। भारत के युवा क्रिकेटरों की नई पीढ़ी पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के अनमोल मार्गदर्शन की बदौलत सफलता के झंडे गाड़ रही हैं। आप जी के पावन आशीर्वाद और प्रेरक रहनुमाई में चल रही शाह सतनाम जी क्रिकेट एकेडमी न केवल खिलाड़ियों को क्रिकेट की बारीकियों में प्रशिक्षित करती है, बल्कि उन्हें जीवन में अनुशासन, आत्मविश्वास और विजयी सोच सिखाती है। इसी अकादमी के चमकते सितारे कनिष्क चौहान को हाल ही में अंडर-19 विश्वकप के लिए भारतीय टीम में चयनित किया गया। Sirsa News

पूज्य गुरु जी द्वारा स्थापित इस स्टेडियम में उपलब्ध अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं और कोचिंग मानकों के चलते कनिष्क ने अकादमी में वर्षों तक कठिन प्रशिक्षण लिया और टीम इंडिया की ओर से इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में खेले गए अंडर-19 वनडे शृंखलाओं में शानदार प्रदर्शन किया। इंग्लैंड में भारत ने 3-2 और ऑस्ट्रेलिया में 3-0 से श्रृंखला जीतकर अपने दबदबे का परिचय दिया। इन दोनों श्रृंखलाओं में कनिष्क ने अपने ऑलराउंड प्रदर्शन से सभी का ध्यान खींचा।

भावनात्मक सफलता और अंतर्राष्ट्रीय पहचान

दुबई में खेले गए अंडर-19 एशिया कप में कनिष्क का पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन अब भी खिलाड़ियों और कोचों की यादों में ताजा है। 46 गेंदों में 46 रन और 3 विकेट लेने वाले कनिष्क को प्लेयर ऑफ द मैच का पुरस्कार मिला। यह जीत केवल उसकी कड़ी मेहनत का फल नहीं थी, बल्कि पूज्य गुरुजी की सतत प्रेरणा और आशीर्वाद की भी उपज थी।

अंतर्राष्ट्रीय मानकों का स्टेडियम | Sirsa News

शाह सतनाम जी क्रिकेट स्टेडियम सिर्फ एक खेल मैदान नहीं, बल्कि युवा खिलाड़ियों के सपनों की उड़ान का केंद्र है। पूज्य गुरु जी के मार्गदर्शन में मात्र 42 दिनों में इस स्टेडियम का निर्माण किया गया, जो अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप है। 28 अगस्त 2004 को इसका उद्घाटन हुआ। स्टेडियम में तीन पिचें हैं- एक फिरोजशाह कोटला जैसी, दूसरी बेंगलुरु के चिन्नास्वामी जैसी और तीसरी, सेंटर पिच, पूज्य गुरु जी के मार्गदर्शन में विशेष रूप से तैयार की गई। स्टेडियम में बैठने की क्षमता 25,000 से 30,000 दर्शकों की है। इसमें प्रकाशयुक्त प्रवेश द्वार, अद्वितीय डिजाइन वाला स्कोरबोर्ड और अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट की मेजबानी की सभी सुविधाएँ मौजूद हैं। पूज्य  गुरु जी का यह सपना और दूरदर्शिता भारतीय क्रिकेट के लिए अमूल्य साबित हुई है।

वहीं कमाल की बात यह भी है कि टी-20 टूर्नामेंट्स की शुुरुआत भी पूज्य गुरु जी द्वारा ही करवाई गई है। सबसे पहले श्रीजलालआणा साहिब के शाह सतनाम जी स्टेडियम में और उसके बाद शाह सतनाम जी क्रिकेट स्टेडियम, सरसा में 2005 में। पूज्य गुरु जी द्वारा दिखाए गए इस शॉर्ट फारमेट को जल्द ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपना लिया गया और बकायदा इसका वर्ल्ड कप भी शुरू हो गया और आईपीएल जैसे शानदार टूर्नामेंटों का आगाज हो गया जो टी-20 फॉरमेट पर आधारित हैं। शाह सतनाम जी क्रिकेट एकेडमी और स्टेडियम की कहानी यह संदेश देती है कि कठिन मेहनत, समर्पण और गुरु का मार्गदर्शन किसी भी युवा की सफलता की नींव बन सकता है। कनिष्क चौहान और एकेडमी के अन्य खिलाड़ी इसका जीवंत उदाहरण हैं। उनके माध्यम से भारत के युवा क्रिकेटरों का भविष्य उज्ज्वल और प्रेरक दिखाई देता है।

राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी भी इस स्टेडियम के कायल

शाह सतनाम जी क्रिकेट स्टेडियम में केवल यहां के युवा ही नहीं, बल्कि देश-विदेश के नामी खिलाड़ी भी खेल चुके हैं। भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार विराट कोहली, शिखर धवन, आशीष नेहरा, जहीर खान, यूसूफ पठान, प्रवीन कुमार, आरपी सिंह, जोगिंद्र शर्मा, अमित मिश्रा और विदेशी खिलाड़ी जेकब मॉर्टिन ने भी यहां बल्ले और गेंद से कमाल दिखाया। बीसीसीआई के अंतर्गत रणजी ट्रॉफी, विजय हजारे ट्रॉफी, वेटरन प्लेयर्स के मैच और अंडर-19 टूर्नामेंट भी आयोजित किए गए। वेटरन मैचों में भारत और पाकिस्तान के पूर्व खिलाड़ी जैसे सईद अनवर और वकार यूनस भी मैदान में उतरे। जो भी खिलाड़ी यहां आए हैं, उन्होंने एक ही स्वर में यह कहा है कि यह स्टेडियम अंतर्राष्टÑीय स्तर का है और यहां आकर उन्हें अत्यंत सुखद अहसास हुए हैं। Sirsa News

कनिष्क की तरह ही एकेडमी के अन्य युवा खिलाड़ी भी मनवा चुके हैं लोहा

  • आदित्य चौधरी: हरियाणा अंडर-23 सीनियर, रणजी ट्रॉफी, विजय हजारे ट्रॉफी, सीके नायडू ट्रॉफी
  • जितेश मलिक: हरियाणा अंडर-23, अंडर-16, सीके नायडू ट्रॉफी, विजय मर्चेंट ट्रॉफी
  • रणदीप बराड़: पंजाब अंडर-19, कूच विहार ट्रॉफी
  • हर्षवर्धन: इंडिया नेवी, राजस्थान अंडर-19
  • अभिजोत सिंह, अभिषेक नोजल, दिलकश तनेजा, माधव नैन
  • सुखलीन: अंडर-14, अंडर-19
  • वीनू मांकड़ ट्रॉफी, राज सिंह डुंगरपुर ट्रॉफी

इन खिलाड़ियों की कहानी बताती है कि केवल तकनीकी प्रशिक्षण ही पर्याप्त नहीं है; गुरुजी की रहनुमाई ने उन्हें आत्मविश्वास, धैर्य और खेल के प्रति एक उत्साहपूर्ण दृष्टिकोण दिया।

पूज्य गुरु जी का मार्गदर्शन: खेल से जीवन तक

पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां का मानना है कि क्रिकेट केवल खेल नहीं, बल्कि जीवन का एक महत्वपूर्ण पाठ है। उनके मार्गदर्शन में युवा खिलाड़ियों को न केवल तकनीकी कौशल में प्रशिक्षित किया जाता है, बल्कि उनमें नेतृत्व, अनुशासन, टीम भावना और विजयी सोच भी विकसित की जाती है। कनिष्क चौहान की सफलता और अकादमी के अन्य खिलाड़ियों की उपलब्धियाँ यह दर्शाती हैं कि पूज्य गुरुजी की प्रेरणा और मार्गदर्शन भारतीय क्रिकेट के लिए नई दिशा और ऊर्जा प्रदान कर रहा है। उनके आशीर्वाद से यहां से निकले खिलाड़ी केवल बल्ले और गेंद से ही नहीं, बल्कि अपने आत्मविश्वास, धैर्य और अनुशासन से भी देश और दुनिया में पहचान बना रहे हैं। Sirsa News

एकेडमी और स्टेडियम की विशेषताएँ

  • पूज्य गुरुजी के पावन मार्गदर्शन में विकसित अकादमी।
  • कनिष्क चौहान सहित कई युवा खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चमक चुके।
  • स्टेडियम केवल 42 दिनों में अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार तैयार।
  • तीन पिचें- फिरोजशाह कोटला, चिन्नास्वामी और विशेष सेंटर पिच।
  • स्टेडियम में बैठने की क्षमता 25,000-30,000 दर्शक।
  • बीसीसीआई के कई टूर्नामेट पूंट जैसे रणजी ट्रॉफी, विजय हजारे ट्रॉफी और वेटरन मैच आयोजित।
  • भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खिलाड़ी स्टेडियम में खेल चुके।
  • गुरुजी की प्रेरणा से खिलाड़ियों में अनुशासन, आत्मविश्वास और नेतृत्व विकसित।