
संभल। कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के विवादित बयान को लेकर दायर प्रकरण अब एक बार फिर न्यायिक दायरे में गूंजने लगा है। संभल स्थित एमपी–एमएलए विशेष न्यायालय (Sambhal MP-MLA Court) द्वारा याचिका खारिज किए जाने के बाद हिंदू रक्षा दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सिमरन गुप्ता ने इस फैसले को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट की शरण ली है। शुक्रवार को दाखिल की गई नवीन याचिका में उन्होंने राहुल गांधी के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही को आवश्यक बताते हुए कठोर कदम उठाने की मांग दोहराई है। Simran Gupta Petition
याचिका में यह आरोप लगाया गया है कि राहुल गांधी का “इंडियन स्टेट” (Indian State Statement) संबंधी कथन संवैधानिक संस्थाओं और लोकतांत्रिक ढांचे की विश्वसनीयता पर प्रश्न खड़ा करता है, इसलिए इस बयान पर न्यायिक रूप से सख्ती जरूरी है। सिमरन गुप्ता का कहना है कि वह न्यायिक प्रक्रिया पर पूरा भरोसा रखते हैं और लड़ाई को अंजाम तक पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
राहुल गांधी ने 15 जनवरी 2025 को एक सार्वजनिक कार्यक्रम में टिप्पणी की थी
यह विवाद उस टिप्पणी से आरम्भ हुआ था, जो राहुल गांधी ने 15 जनवरी 2025 को एक सार्वजनिक कार्यक्रम में की थी। अपने संबोधन में उन्होंने कहा था कि उनकी लड़ाई भाजपा या आरएसएस से नहीं, बल्कि इंडियन स्टेट से है। इस remark के बाद राजनीतिक हलकों में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली और कई नेताओं ने इसे अनुचित बताया।
इसी टिप्पणी को राष्ट्रहित के विपरीत बताते हुए सिमरन गुप्ता ने 23 जनवरी 2025 को संभल के एमपी–एमएलए कोर्ट में याचिका दायर की थी। करीब दस महीनों तक चले विस्तृत सुनवाई क्रम में दोनों पक्षों ने अपने-अपने तर्क प्रस्तुत किए। समस्त अभिलेखों और कानूनी बिंदुओं पर विचार के बाद अदालत ने 7 नवंबर को यह याचिका निरस्त कर दी, जिससे राहुल गांधी को राहत मिली। अब सिमरन गुप्ता ने इस निर्णय को उच्च न्यायालय में चुनौती देते हुए न्याय की उम्मीद जताई है। हाईकोर्ट में होने वाली आगामी सुनवाई को इस पूरे मामले में निर्णायक माना जा रहा है। Simran Gupta Petition














