भारत का एक ऐसा राज्य जहां माँ से चलती है वंशावली

A state of India where the lineage runs from mother
मेघालय पूर्वोत्तर भारत का एक राज्य है जिसका शाब्दिक अर्थ है बादलों का घर। 2016 के अनुसार यहां की जनसंख्या 32,11,474 है एवं विस्तार 220 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में है, जिसका लम्बाई से चौड़ाई अनुपात लगभग 3:1 का है। राज्य का दक्षिणी छोर मयमनसिंह एवं सिलहट बांग्लादेशी विभागों से लगता है, पश्चिमी ओर रंगपुर बांग्लादेशी भाग तथा उत्तर एवं पूर्वी ओर भारतीय राज्य असम से घिरा हुआ है। राज्य की राजधानी शिलांग है। भारत में ब्रिटिश राज के समय तत्कालीन ब्रिटिश शाही अधिकारियों द्वारा इसे “पूर्व का स्काटलैण्ड” संज्ञा दी गयी थी। मेघालय पहले असम राज्य का ही भाग था, 21 जनवरी 1972 को असम के खासी, गारो एवं जैन्तिया पर्वतीय जिलों को काटकर नया राज्य मेघालय अस्तित्व में लाया गया। यहां की आधिकारिक भाषा अंग्रेजी है। इसके अलावा अन्य मुख्यत: बोली जाने वाली भाषाओं में खासी, गारो, प्नार, बियाट, हजोंग एवं बांग्ला आती हैं। इनके अलावा यहां हिन्दी भी कुछ-कुछ बोली समझी जाती है, जिसके बोलने वाले मुख्यत: शिलांग में मिलते हैं।
भारत के अन्य राज्यों से अलग यहां मातृवंशीय प्रणाली चलती है, जिसमें वंशावली मां (महिला) के नाम से चलती है और सबसे छोटी बेटी अपने माता-पिता की देखभाल करती है तथा उसे ही उनकी सारी सम्पत्ति मिलती है। यह राज्य भारत का आर्द्रतम क्षेत्र है, जहां वार्षित औसत वर्षा 12,000 मिमी. (470 इंच) दर्ज हुई है। राज्य का 70% से अधिक क्षेत्र वनाच्छादित है। राज्य में मेघालय उपोष्णकटिबंधीय वन पर्यावरण क्षेत्रों का विस्तार है, यहां के पर्वतीय वन उत्तर से दक्षिण के अन्य निचले क्षेत्रों के उष्णकटिबन्धीय वनों से पृथक हैं। ये वन स्तनधारी पशुओं, पक्षियों तथा वृक्षों की जैवविविधता के मामलों में विशेष उल्लेखनीय हैं। मेघालय में मुख्य रूप से कृषि-आधारित अर्थव्यवस्था (अग्रेरियन) है, जिसमें वाणिज्यिक वन उद्योग का अत्यन्त महत्त्वपूर्ण स्थान है। यहां की मुख्य फसल में आलू, चावल, मक्का, अनान्नास, केला, पपीता एवं दालचीनी, हल्दी आदि बहुत से मसाले, आदि हैं। सेवा क्षेत्र में मुख्यत: अचल सम्पत्ति एवं बीमा कम्पनियां हैं।

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