गांव मानकपुर में ए.सी.एफ. कैंप का आयोजन, 40 एक्स-रे जांच, 16 सैंपल बलगम के लिए लिए गए

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Yamunanagar News: गांव मानकपुर में ए.सी.एफ. कैंप का आयोजन, 40 एक्स-रे जांच, 16 सैंपल बलगम के लिए लिए गए

प्रताप नगर (सच कहूँ/राजेंद्र कुमार)। Pratap Nagar News: भारत सरकार के “टी.बी. मुक्त भारत अभियान” के अंतर्गत आज गांव मानकपुर में एक्टिव केस फाइंडिंग (ACF) कैंप का आयोजन किया गया। यह कैंप वरिष्ठ मेडिकल ऑफिसर डॉ. जितेंद्र कुमार के नेतृत्व में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सी.एच.सी.) प्रतापनगर की ओर से लगाया गया। Yamunanagar News

कैंप के दौरान मोबाइल एक्स-रे बस के माध्यम से कुल 40 लोगों की जांच की गई, जिनमें से 16 लोगों के बलगम के सैंपल जांच हेतु लिए गए। डॉ. जितेंद्र कुमार ने बताया कि यह कैंप पूर्व में आशा वर्कर्स द्वारा घर-घर किए गए सर्वेक्षण के आधार पर आयोजित किया गया था, जिसमें लगभग 2000 लोगों की स्क्रीनिंग की गई थी। जिनमें से संदिग्ध व्यक्तियों को आज जांच के लिए बुलाया गया।

डॉ. कुमार ने बताया कि मानकपुर गांव में टी.बी. के मरीज लगातार पाए जाते हैं। वर्तमान में 3 मरीज इलाजरत हैं और 3 मरीज हाल ही में स्वस्थ हो चुके हैं। उन्होंने ग्रामीणों को समझाया कि टी.बी. एक संक्रामक बीमारी है जो मरीज की खांसी से हवा में फैल सकती है। इसलिए समय पर जांच और इलाज अत्यंत आवश्यक है। Yamunanagar News

उन्होंने बताया कि टी.बी. के प्रमुख लक्षणों में दो सप्ताह से अधिक खांसी, लगातार हल्का बुखार, भूख में कमी, तेजी से वजन घटना, तथा रात में पसीना आना (सर्दी में भी) शामिल हैं। यदि कोई भी व्यक्ति इनमें से कोई लक्षण महसूस करता है, तो उसे तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जांच करवानी चाहिए। सरकार की ओर से इस बीमारी का इलाज पूरी तरह निःशुल्क प्रदान किया जाता है।

साथ ही, उन्होंने लोगों को संतुलित आहार, स्वच्छ जीवनशैली और नशे से दूर रहने की सलाह दी, जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत किया जा सके और टी.बी. से बचाव संभव हो।

अंत में डॉ. जितेंद्र कुमार ने बताया कि अगला कैंप 7 अगस्त को गांव तहरपुर कला में आयोजित किया जाएगा। जो लोग आज की जांच में शामिल नहीं हो सके, वे कल के कैंप में भाग ले सकते हैं। Yamunanagar News

आज के इस सफल कैंप में हेल्थ टीम से राजेंद्र कुमार (रेडियोग्राफर), जसपाल (एस.टी.एस.), बलविंदर कुमार (एमपीएचडब्ल्यू) तथा आशा वर्कर्स परमजीत कौर और बिंदर कौर ने सक्रिय भूमिका निभाई। गांव के सरपंच व ग्रामीण जनता का भी विशेष सहयोग रहा।

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