Shri Amarnath Yatra suspended: श्रीनगर। अमरनाथ यात्रा को लेकर मौसम की प्रतिकूलता एक बार फिर बाधा बन गई है। भारी वर्षा के कारण गुरुवार, 31 जुलाई को जम्मू से किसी भी तीर्थयात्रियों के काफिले को कश्मीर के लिए रवाना नहीं किया गया। प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए यह निर्णय लिया। Amarnath Yatra News
जम्मू संभाग के आयुक्त रमेश कुमार ने जानकारी दी, “यात्रा मार्ग पर लगातार हो रही भारी बारिश के कारण बेस कैंप से आगे तीर्थयात्रियों की आवाजाही प्रभावित हुई है। अतः सुरक्षा की दृष्टि से भगवती नगर, जम्मू से बालटाल और नुनवान की ओर किसी भी तीर्थयात्रा काफिले को आगे जाने की अनुमति नहीं दी गई है। तीर्थयात्रियों को समय-समय पर मौसम और मार्ग की स्थिति से अवगत कराया जाएगा।”
इस वर्ष की अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से प्रारंभ हुई थी, और यह 9 अगस्त तक चलेगी। अब तक लगभग 3.93 लाख श्रद्धालु पवित्र अमरनाथ गुफा में दर्शन कर चुके हैं। हालांकि, 30 जुलाई को अत्यधिक वर्षा के कारण बालटाल और चंदनवाड़ी (नुनवान) मार्ग से यात्रा अस्थायी रूप से स्थगित कर दी गई थी। Amarnath Yatra News
कश्मीर संभाग के आयुक्त विजय कुमार बिधूड़ी ने बताया, “हालिया बारिश के चलते पहलगाम मार्ग पर मरम्मत एवं पुनः निर्माण की आवश्यकता है। 1 अगस्त से बालटाल मार्ग के माध्यम से यात्रा पुनः आरंभ किए जाने की संभावना है।”
अमरनाथ यात्रा के दो प्रमुख मार्ग हैं | Amarnath Yatra News
पहलगाम मार्ग (46 किलोमीटर): चंदनवाड़ी, शेषनाग और पंचतरणी होते हुए गुफा तक की चार दिवसीय पैदल यात्रा।
बालटाल मार्ग (14 किलोमीटर): एक दिन में यात्रा पूरी कर लौटने योग्य, किंतु अधिक दुर्गम।
इस वर्ष सुरक्षा कारणों से हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध नहीं है, जिससे श्रद्धालुओं को केवल पैदल यात्रा ही करनी पड़ रही है।
अमरनाथ यात्रा हिन्दू धर्म की सबसे पवित्र तीर्थ यात्राओं में मानी जाती है। धार्मिक मान्यता है कि इस गुफा में भगवान शिव ने माता पार्वती को अमरत्व और सृष्टि के रहस्यों का ज्ञान कराया था।