मंदिर में भगदड़ के लिए उनकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं
Andhra Temple Stampede Update: श्रीकाकुलम। आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम ज़िले में शनिवार की सुबह एक निजी रूप से संचालित वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में भारी भीड़ के बीच मची भगदड़ में नौ श्रद्धालुओं की मृत्यु हो गई तथा 25 से अधिक लोग घायल हो गए। इस हृदयविदारक घटना ने पूरे क्षेत्र में शोक और आक्रोश का माहौल पैदा कर दिया है। Andhra Temple Stampede
घटना के बाद मंदिर के 94 वर्षीय संस्थापक हरि मुकुंद पांडा ने स्वयं को किसी भी प्रकार की ज़िम्मेदारी से मुक्त बताते हुए कहा कि श्रद्धालु अपनी इच्छा से आगे बढ़ गए थे और इस अप्रत्याशित भीड़ पर उनका कोई नियंत्रण नहीं था। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि उन्होंने पुलिस प्रशासन को कार्यक्रम की जानकारी नहीं दी थी, क्योंकि उन्हें सामान्य दिनों की तरह ही सीमित भीड़ आने की उम्मीद थी।
मंदिर में दर्शन के दौरान पंक्ति व्यवस्था बिगड़ने से अचानक अफरा-तफरी फैल गई, जिसके परिणामस्वरूप आठ महिलाओं और एक बालक ने दम तोड़ दिया। कई घायलों का उपचार स्थानीय अस्पतालों में चल रहा है। यह मंदिर, जो पांडा की निजी भूमि पर बनाया गया है, मात्र चार महीने पूर्व ही भक्तों के लिए खोला गया था। Andhra Temple Stampede
श्रद्धालुओं की संख्या सामान्य दिनों की तुलना में कहीं अधिक थी
कार्तिक मास की एकादशी होने के कारण श्रद्धालुओं की संख्या सामान्य दिनों की तुलना में कहीं अधिक थी। मंदिर प्रशासन द्वारा भीड़ नियंत्रण के लिए पर्याप्त व्यवस्था न किए जाने और प्रवेश–निकास के लिए एक ही मार्ग होने से स्थिति और गंभीर हो गई।
पुलिस अधीक्षक के.वी. महेश्वर रेड्डी के अनुसार, मंदिर संचालकों ने न तो कार्यक्रम हेतु आवश्यक अनुमति ली थी और न ही भीड़ प्रबंधन के लिए पुलिस को सूचित किया था। इसी लापरवाही ने त्रासदी को जन्म दिया। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के अंतर्गत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए मंदिर प्रशासन की गंभीर लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि यदि प्रशासन को पहले सूचित किया जाता तो उचित सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण की व्यवस्था की जा सकती थी। मुख्यमंत्री ने दोषियों के विरुद्ध सख्त कदम उठाने की बात कही है।
मंदिर संस्थापक पांडा ने मीडिया से कहा, “यह दुर्घटना किसी की गलती से नहीं हुई, यह ईश्वर की इच्छा रही।” हालांकि पुलिस और जिला प्रशासन का मत है कि सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन न करने तथा प्रशासनिक अनुमति के बिना धार्मिक आयोजन करने से ही यह हादसा हुआ। Andhra Temple Stampede















