टिड्डी दल से निपटने के लिए तैयारियों में जुटा कृषि विभाग

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करीब 3500 संसाधनों की सूची तैयार, जरूरत पड़ने पर किए जाएंगे इस्तेमाल

हनुमानगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। जिले में टिड्डी दल से निपटने के लिए कृषि विभाग पूरी तरह से सजग नजर आ रहा है। इसके तहत विभाग पूर्व तैयारियों में जुट गया है। तैयारियों के तहत जिले में समितियों का गठन कर लिया गया है। टिड्डी दल पर नियंत्रण के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले संसाधनों की सूची तैयार कर ली गई है। जरूरत पड़ने पर इन संसाधनों को इस्तेमाल किया जाएगा। कृषि विभाग के उप निदेशक दानाराम गोदारा ने बताया कि टिड्डी दल के आने की संभावना को देखते हुए सभी व्यवस्थाएं करने व एक्शन प्लान बनाकर जयपुर भिजवाने के निर्देश प्राप्त हुए थे। साथ ही निर्देश मिले थे कि जिला कलक्टर की अध्यक्षता में सतर्कता समिति गठित करें। इस पर जिला कलक्टर की अध्यक्षता में जिले में स्थाई समिति का गठन कर लिया गया है।

इसमें जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, अतिरिक्त जिला कलक्टर सहित अन्य अधिकारी शामिल हैं जो लगातार टिड्डी दल के आने की संभावना के दृष्टिगत नियमित रूप से मॉनिटरिंग करेंगे। इसी तरह एसडीएम की अध्यक्षता में उपखण्ड स्तरीय समितियां गठित की गई हैं। इसमें एसडीएम के अलावा तहसीलदार, विभाग के अधिकारी शामिल हैं। ग्राम स्तरीय कमेटी का गठन भी कर लिया गया है। इसमें ग्राम विकास अधिकारी, कृषि विभाग के कृषि पर्यवेक्षक और पटवारी शामिल हैं।

 पिछले साल टिड्डी दल से 50 हजार हैक्टेयर क्षेत्र हुआ था प्रभावित

इसके अलावा ब्लॉक स्तरीय व सहायक कृषि अधिकारी स्तर पर सर्वेक्षण दल का भी गठन किया गया है जो नियमित रूप से सर्वेक्षण करेगा। पूरे जिले में 16 नियंत्रण दलों का भी गठन कर लिया गया है। जैसे ही जिले में टिड्डी का प्रकोप होता है यह सारे दल मिलकर मॉनिटरिंग एवं नियंत्रण का कार्य करेंगे। उप निदेशक गोदारा ने बताया कि 2019 व 20 में टिड्डी दल का पूरे जिले में कुछ कम प्रकोप हुआ था लेकिन पिछले साल 2021 में जून से लेकर अगस्त तक लगातार पूरे जिले में टिड्डियों का प्रकोप रहा।

  • इससे अनुमानित करीब 50 हजार हैक्टेयर का क्षेत्र प्रभावित हुआ।
  • बाद में प्रशासन ने मिलकर करीब 23 हजार हैक्टेयर में टिड्डी दल पर नियंत्रण कर लिया था।
  • किसानों को आशंका थी कि बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है।
  • सरकार ने प्रयास कर सभी एजेंसी को टिड्डी नियंत्रण के लिए लगाया, उससे जिले में बहुत बड़ा नुकसान नहीं हुआ।

जिले में 3500 संसाधनों की फौज

कृषि विभाग के उप निदेशक दानाराम गोदारा ने कहा कि टिड्डी नियंत्रण के कार्य के लिए सबसे महत्वपूर्ण चीज संसाधन हैं जो महत्वपूर्ण रोल अदा करते हैं। हनुमानगढ़ जिले में भी काफी संख्या में ट्रैक्टर-स्प्रेयर, फायर ब्रिगेड सहित अन्य संसाधन उपलब्ध हैं जिनका उपयोग टिड्डी नियंत्रण के लिए किया जाता है। जिले में करीब 3500 संसाधन हैं। इन सब संसाधनों को सूचीबद्ध कर लिया है। जरूरत पड़ने पर इनका इस्तेमाल किया जाएगा।

पहली बार हेलीकॉप्टर का प्रयोग

उपनिदेशक गोदारा ने बताया कि पिछले साल काफी बड़ी संख्या में ट्रैक्टर-स्प्रेयर के अलावा ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था। पहली बार हेलीकॉप्टर का उपयोग टिड्डी दल पर नियंत्रण के लिए किया गया। सरकार की ओर से काफी बड़े स्तर पर संसाधन और साधन उपलब्ध करवाए गए थे। इन संसाधनों की मदद से विभाग और प्रशासन ने मिलकर टिड्डी दल पर नियंत्रण किया था। इस बार भी अगर टिड्डी दल का प्रकोप होता है तो उससे निपटने के लिए विभाग के साथ पूरा प्रशासन सजग है। उन्होंने कहा कि जिस तरह पिछले साल रात-दिन एक कर टिड्डी पर नियंत्रण कर किसानों की फसलों को होने वाले बड़े नुकसान से बचाया गया था, उम्मीद है कि वही या उससे दोगुने प्रयास इस बार भी कर टिड्डी दल पर नियंत्रण कर बड़ा नुकसान होने से बचा पाएंगे।

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