
सिरसा। हरियाणा संयुक्त कर्मचारी मंच से जुड़ी आंगनबाड़ी वर्कर्स एंड हेल्पर्स यूनियन की सदस्यों ने सोमवार को लघु सचिवालय के समक्ष एक दिवसीय सांकेतिक धरना आयोजित कर अपनी लंबित 13 सूत्रीय मांगों को लेकर उपायुक्त के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा। धरने के दौरान वर्कर्स और हेल्पर्स ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और अपनी मांगों को पूरा करने की मांग की।
यूनियन की जिला प्रधान मनप्रीत कौर, सुरेश कुमारी, कुलविंदर साहुवाला, राजपाल, नीलम ओढ़ा, मायादेवी सहित बड़ी संख्या में आंगनबाड़ी वर्कर्स और हेल्पर्स ने धरने में भाग लिया। उन्होंने कहा कि गुजरात हाईकोर्ट द्वारा आंगनबाड़ी वर्कर्स को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने के फैसले को हरियाणा में भी लागू किया जाए। इसके अलावा मुख्यमंत्री द्वारा सुपरवाइजर के पदों पर वर्कर्स को भरने का वादा पूरा किया जाए। प्ले स्कूल और क्रेच वर्कर्स को पूर्ण वेतनमान प्रदान किया जाए। वर्कर्स ने प्रधानमंत्री द्वारा 2018 में घोषित 1500 और 700 रुपये की बढ़ोतरी की मांग भी उठाई, जो हरियाणा को छोड़कर पूरे देश में लागू हो चुकी है। उन्होंने कच्चे कर्मचारियों की तर्ज पर आंगनबाड़ी वर्कर्स को स्थायी करने, हेल्पर्स की प्रमोशन को 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने और आयु सीमा समाप्त करने की मांग की। साथ ही सभी हेल्पर्स और वर्कर्स के खाली पड़े पदों पर तत्काल भर्ती, एडिशनल सेंटरों के लिए आधा वेतन, पूर्ण मेडिकल लीव, कैशलेस सुविधा, विभाग द्वारा दिए गए फोनों के सिम कार्ड उपलब्ध कराने की मांग की। धरना आयोजित करने वालों ने फोटो कैप्चर वाले कार्यों में ओटीपी पर प्रतिबंध लगाने, रुका हुआ भवनों का किराया, नेट पैक, स्टेशनरी, दरियां, रजिस्टर, राशन के लिए स्टोरेज बिन, आंगनबाड़ी सेंटरों में दैनिक जरूरत की वस्तुएं उपलब्ध कराने की भी मांग उठाई। इसके अतिरिक्त टीए-डीए को हर महीने वेतन के साथ देने, मिनी सेंटरों को मुख्य आंगनबाड़ी सेंटरों में परिवर्तित करने तथा सर्दी-गर्मी की वर्दी का भत्ता प्रदान करने की अपील की गई। यूनियन नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र मांगें पूरी नहीं हुईं तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। जिला प्रशासन की ओर से डीडीपीओ बलजीत चहल ज्ञापन लेने पहुंचे और मुख्यमंत्री कार्यालय तक ज्ञापन पहुंचाने का आश्वासन दिया है।