Daily Workout Limit: अनु सैनी। आज के समय में फिटनेस का ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है। सोशल मीडिया, फिटनेस इन्फ्लुएंसर्स और हेल्दी लाइफस्टाइल की चाह में लोग रोज घंटों जिम या एक्सरसाइज करने लगते हैं। खासकर वजन कम करने की चाहत में कई लोग अपनी क्षमता से ज्यादा वर्कआउट कर डालते हैं। लेकिन सवाल यह है कि क्या ज्यादा वर्कआउट करना हमेशा अच्छा होता है? या फिर इसका उल्टा असर भी हो सकता है?
आइए जानते हैं कि एक दिन में कितना वर्कआउट सही है, और कब यह आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है।
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1. वर्कआउट का मतलब सिर्फ जिम नहीं | Daily Workout Limit
वर्कआउट का मतलब केवल वेट ट्रेनिंग या मशीनों पर पसीना बहाना नहीं है। इसमें वॉकिंग, रनिंग, योगा, डांस, साइकिलिंग, स्ट्रेचिंग, स्विमिंग और घर के हल्के-फुल्के काम भी शामिल हैं।
हल्की गतिविधियां (Light Activity) – जैसे टहलना, सीढ़ियां चढ़ना। मध्यम गतिविधियां (Moderate Activity) – जैसे तेज चलना, साइकिल चलाना। तीव्र गतिविधियां (Vigorous Activity) – जैसे रनिंग, हाई इंटेंसिटी ट्रेनिंग
2. WHO और विशेषज्ञ क्या कहते हैं?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार:-
बड़ों के लिए: सप्ताह में कम से कम 150–300 मिनट मध्यम स्तर की एक्टिविटी या 75–150 मिनट तीव्र एक्टिविटी ज़रूरी है।
अगर आप इसे दिनों में बांटें, तो रोज़ लगभग 30–45 मिनट का वर्कआउट पर्याप्त है। फिटनेस ट्रेनर और डॉक्टर भी मानते हैं कि ज्यादा वर्कआउट करने से मांसपेशियों, हड्डियों और दिल पर अतिरिक्त दबाव पड़ सकता है।
3. अलग-अलग लक्ष्य के हिसाब से वर्कआउट
वर्कआउट की अवधि और तीव्रता इस बात पर निर्भर करती है कि आपका लक्ष्य क्या है।
(A) वजन कम करने के लिए
कार्डियो + स्ट्रेंथ ट्रेनिंग का मिश्रण बेहतर रहता है।
रोज़ाना 45–60 मिनट का वर्कआउट, जिसमें 3–4 दिन कार्डियो और 2–3 दिन स्ट्रेंथ शामिल हो।
(B) फिटनेस बनाए रखने के लिए
रोज़ 30–40 मिनट की हल्की से मध्यम गतिविधि, जैसे तेज चलना, योगा या साइकलिंग।
(C) मसल्स बनाने के लिए
4–5 दिन स्ट्रेंथ ट्रेनिंग (45–60 मिनट) और बाकी दिन हल्की एक्सरसाइज या रेस्ट।
4. ज्यादा वर्कआउट करने के नुकसान
अगर आप अपनी क्षमता से ज्यादा वर्कआउट करते हैं, तो शरीर पर इसका उल्टा असर पड़ सकता है।
(1) मांसपेशियों में चोट
बहुत ज्यादा वेट लिफ्टिंग या रिपीटेड एक्सरसाइज करने से मसल्स में स्ट्रेन या चोट लग सकती है।
(2) हार्मोनल असंतुलन
ओवर-ट्रेनिंग से कोर्टिसोल (Stress Hormone) का स्तर बढ़ जाता है, जिससे थकान और मूड स्विंग हो सकते हैं।
(3) इम्यून सिस्टम कमजोर होना
शरीर को रिकवरी का समय न देने पर रोग-प्रतिरोधक क्षमता घट सकती है, जिससे आप जल्दी बीमार पड़ सकते हैं।
(4) नींद की समस्या
ज्यादा थकान के बावजूद कई लोगों को नींद आने में परेशानी होती है।
(5) वजन घटने की बजाय बढ़ना
अत्यधिक वर्कआउट से शरीर में स्ट्रेस बढ़ता है, जिससे फैट बर्न होने की बजाय बढ़ सकता है।
5. सही वर्कआउट प्लान कैसे बनाएं?
(A) अपने लेवल को पहचानें
अगर आप शुरुआत कर रहे हैं, तो 15–20 मिनट से शुरू करें और धीरे-धीरे समय और इंटेंसिटी बढ़ाएं।
(B) रेस्ट डे जरूरी है
सप्ताह में कम से कम 1–2 दिन शरीर को आराम दें, ताकि मसल्स रिकवर हो सकें।
(C) वार्म-अप और कूल-डाउन
वर्कआउट से पहले हल्की स्ट्रेचिंग और बाद में रिलैक्सेशन एक्सरसाइज ज़रूरी है।
(D) बैलेंस्ड डाइट लें
वर्कआउट के साथ पर्याप्त प्रोटीन, विटामिन, मिनरल और पानी लें, ताकि शरीर को ऊर्जा मिलती रहे।
6. वजन कम करने में सिर्फ वर्कआउट काफी नहीं
कई लोग सोचते हैं कि जितना ज्यादा वर्कआउट करेंगे, उतनी जल्दी वजन घटेगा। लेकिन यह सोच गलत है।
80% वजन डाइट से और 20% एक्सरसाइज से नियंत्रित होता है।
अगर आप वर्कआउट करते हुए भी ज्यादा कैलोरी ले रहे हैं, तो वजन कम नहीं होगा।
7. संकेत कि आप ज्यादा वर्कआउट कर रहे हैं
अगर ये लक्षण दिखें, तो वर्कआउट कम करें:-
हमेशा थकान महसूस होना
नींद न आना या बेचैनी
भूख कम होना
मांसपेशियों में लगातार दर्द
बार-बार सर्दी-जुकाम होना
8. सही संतुलन ही कुंजी है
वर्कआउट का उद्देश्य शरीर को स्वस्थ, लचीला और एक्टिव रखना है — न कि उसे थकाकर बीमार कर देना।
रोज़ाना 30–60 मिनट की गतिविधि पर्याप्त है।
शरीर की सुनें, थकान होने पर ब्रेक लें।
फिटनेस के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य का भी ख्याल रखें।
वर्कआउट जरूरी है, लेकिन उसकी एक सीमा है। वजन कम करने की जल्दी में ओवर-ट्रेनिंग सेहत को नुकसान पहुंचा सकती है। बेहतर होगा कि आप अपने लक्ष्य, उम्र, स्वास्थ्य और क्षमता के हिसाब से वर्कआउट प्लान बनाएं। संतुलित डाइट, पर्याप्त नींद और नियमित लेकिन सीमित एक्सरसाइज ही आपको फिट और हेल्दी बनाए रखेगी।
नोट:-इस आर्टिकल में बताई गई विधि, तरीकों और दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, सच कहूं इनकी पुष्टि नहीं करता है। इस तरह की किसी भी उपचार दवा या डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले अपने किसी संबंधी एक्सपर्ट या डॉक्टर से सलाह जरूर लें।