Social Media News: भिवानी (इन्द्रवेश)। सुर्खियां बंटोरने व अपने आपको पॉपुलर करने के उद्देश्य से बगैर तथ्यों के कंटेट को विभिन्न सोशल मीडिया माध्यमों पर चलाकर भ्रामक सूचनाएं पहुंचाने वाले सोशल इंफलुवेंसर व यू-ट्यूबर को लेकर हरियाणा पुलिस आने वाले दिनों में इनका डाटा बेस तैयार कर इन पर कार्रवाई करने जा रही है। यह बात हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने भिवानी में बीते कल पत्रकार वार्ता के दौरान विभिन्न घटनात्मक व अन्य मुद्दों पर बातचीत करते हुए कही।
हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने कहा कि कुछ सोशल इंफलुवेंसर अपने आप को पॉपुलराईज करने के उद्देश्य से शरारती तत्वों की तर्ज पर भ्रामक संदेश समाज में फैलाते है तथा प्रशासनिक व्यवस्था पर बगैर तथ्यों के प्रश्र चिह्न लगाने का कार्य करते है। ऐसा करते समय उनका उद्देश्य पब्लिसिटी बटोरना होता है। उनकी इस सारी प्रक्रिया में वे लोकतंत्र पर प्रश्र चिह्न लगाने का कार्य करते है। ऐसे लोगों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गए है तथा आईटी एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवााई शुरू की गई है। ऐसे सोशल इंफलुवेंसर का डाटा बेस भी हरियाणा पुलिस तैयार कर रही है। पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए गए है कि भ्रामक तरीके से जानकारी देने वाले व सुर्खियां बटोरने वाले ऐसे सोशल इंफलुवेंसर को चिह्नित कर पुलिस कार्रवाई करे। गौरतलब है कि भिवानी पुलिस ने फेसबुक, इंस्टाग्राम व अन्य सोशल मीडिया पर ऐसे भ्रामक प्रचार करने वाले यू-ट्यूबर्स पर बड़ी कार्रवाई करते हुए उनके खिलाफ आईटभ्एक्ट सहित विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमे दर्ज किए है तथा उन पर पुलिसिया कार्रवाई शुरू कर दी है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि भविष्य में खबरों के रूप में भ्रामक प्रचार पर लगाम लगेगी तथा जनता के सामने सोशल मीडिया के माध्यम से वास्तविक व एडिटिड जानकारी आ सकेगी।
वही हरियाणा यूनियन आॅफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अजय मल्होत्रा ने इस मुद्दे पर बातचीत करते हुए बताया कि नि:संदेश तौर पर सोशल मीडिया के माध्यम से काफी महत्वपूर्ण बिंदु जनता तक पहुंचे है। परन्तु समय के साथ अप्रशिक्षित लोग अपनी पॉपुलरिटी के लिए बगैर तथ्यों के खबरों के रूप में ऐसा कंटेट डालने लगे, जिससे समाज में व्यापक नकारात्मक प्रभाव बढ़ने लगा। ऐसे में डीजीपी शत्रुजीत कपूर द्वारा उठाए गए कदम का प्रभाव आने वाले समय में रहेगा तथा ऐसे लोगों पर लगाम लगेगी, जिनका पत्रकारिता से कोई सीधा सरोकार नहीं है। उन्होंने कहा कि यू-ट्यूबर्स व सोशल फोलोवर्स को अपने कंटेट देते समय समाज में नकारात्मक प्रभाव डालने वाले बिंदुओं पर ध्यान देने की आवश्यकता का समय आ गया है। हालांकि उन्होंने कहा कि बहुत से मैन स्ट्रीम से जुड़े पत्रकार भी यू-ट्यूब व अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का प्रयोग कर अच्छा कार्य कर रहे है। उन्होंने कहा कि वर्तमान विधानसभा सत्र की शुरूआत से पहले विधानसभा अध्यक्ष हरविंद्र कल्याण ने भी टीवी पत्रकारों के लिए एक एडवईजरी जारी की है। इन सब बिंदुओं को देखकर लगता है कि राज्य सरकार सोशल मीडिया पर बगैर तथ्यों के सिर्फ अपनी प्रसिद्धि के लिए काम करने वाले यू-ट्यूबर व सोशल इंफल्यूवेंसर के कंटेट, भाषा शैली को लेकर गंभीर है।