MCX Gold-Silver Price Today: नई दिल्ली। वर्ष 2025 में कीमती धातुओं के बाजार में जबरदस्त तेजी दर्ज की गई है। विशेष रूप से सोने के दामों ने इस साल उल्लेखनीय छलांग लगाई है और अब तक इसमें 80 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी देखी जा चुकी है। विशेषज्ञों के अनुसार, नरम मौद्रिक नीति की उम्मीदों और वैश्विक स्तर पर बनी अनिश्चित परिस्थितियों ने सोने को मजबूत सहारा दिया है। Gold-Silver Price Today
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर सोमवार को सोने का वायदा भाव 10 ग्राम के लिए ₹1,40,444 तक पहुंच गया, जो इसके अब तक के सर्वोच्च स्तर ₹1,40,465 के बेहद करीब है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोने ने रिकॉर्ड बनाए हैं। पिछले सप्ताह छुट्टियों के चलते कम कारोबार के दौरान कॉमेक्स पर कीमतें 4,584 डॉलर प्रति औंस के उच्चतम स्तर तक गई थीं, हालांकि बाद में हल्की गिरावट के साथ यह 4,527.79 डॉलर प्रति औंस पर आ गईं। बाजार विश्लेषकों का मानना है कि आसान मौद्रिक नीति, डी-डॉलराइजेशन की प्रक्रिया और वैश्विक व्यापार तनाव इस तेजी के प्रमुख कारण हैं।
भले ही पिछले कुछ वर्षों की तुलना में केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने की खरीद में थोड़ी कमी आई हो, लेकिन कुल मांग अब भी स्थिर बनी हुई है। पोर्टफोलियो में विविधता लाने की रणनीति, मुद्राओं को लेकर चिंता और भविष्य में ब्याज दरों में कटौती की संभावना ने सोने की मांग को समर्थन दिया है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा दरों में कमी और आगे भी कटौती की उम्मीदों ने 2025 में सोने के साथ-साथ चांदी को भी निवेशकों के लिए आकर्षक विकल्प बना दिया है।
छुट्टियों के कारण कारोबार की मात्रा कम रहने से कीमतों में उतार-चढ़ाव और तेज
विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि वर्ष के अंत में छुट्टियों के कारण कारोबार की मात्रा कम रहने से कीमतों में उतार-चढ़ाव और तेज हो गया। उनका आकलन है कि जिन परिस्थितियों ने 2025 में सोने को मजबूती दी, वे 2026 में भी बनी रह सकती हैं, जिससे पीली धातु में आगे भी तेजी की संभावना है। चांदी के बाजार में भी असाधारण उछाल देखा गया है। इसकी कीमतें नए रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गई हैं। मजबूत औद्योगिक मांग, अमेरिका में अगले वर्ष ब्याज दरों में कटौती की संभावनाएं, वैश्विक आपूर्ति में बाधा की आशंकाएं और बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव ने चांदी को मजबूती प्रदान की है।
घरेलू बाजार में चांदी ने इस कैलेंडर वर्ष में निवेशकों को चौंकाने वाला प्रतिफल दिया है। इसकी कीमत में लगभग ₹1,52,554 या करीब 175 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जिससे यह वर्ष की सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाली एसेट क्लास बनकर उभरी है। इसने सोने के 80 प्रतिशत से अधिक रिटर्न को भी पीछे छोड़ दिया है।
बीते सप्ताह वैश्विक आपूर्ति में कमी की खबरों के चलते चांदी के दामों में करीब 15 प्रतिशत की तेजी आई, खासकर चीन से जुड़ी घटनाओं के कारण। चीन दुनिया में चांदी का सबसे बड़ा उपभोक्ता होने के साथ-साथ सोलर पैनल, इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिक वाहनों का बड़ा उत्पादक भी है। विश्लेषकों ने चीन द्वारा 1 जनवरी 2026 से चांदी के निर्यात पर कड़े प्रतिबंध लगाने के निर्णय को भी अहम बताया है, जिससे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला पर असर पड़ सकता है। Gold-Silver Price Today
घरेलू वायदा बाजार में चांदी ने भी नया इतिहास रचा है।
घरेलू वायदा बाजार में भी चांदी ने नया इतिहास रचा है। एमसीएक्स पर चांदी की कीमत प्रति किलोग्राम ₹2.42 के नए सर्वकालिक उच्च स्तर तक पहुंच गई। भारत में यह तेजी अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी के मजबूत प्रदर्शन का नतीजा है, जहां कीमतें 80 डॉलर प्रति औंस के करीब पहुंच चुकी हैं।
विशेषज्ञों के मुताबिक चांदी की मजबूती के पीछे कई ठोस कारण हैं। पहला, मांग और आपूर्ति के बीच बना अंतर। चांदी मुख्य रूप से तांबा, सीसा और जस्ता जैसी धातुओं के साथ उप-उत्पाद के रूप में निकलती है, इसलिए कीमतें बढ़ने पर भी इसका उत्पादन तुरंत नहीं बढ़ पाता। इसी कारण पिछले सात वर्षों से चांदी की आपूर्ति में संरचनात्मक कमी बनी हुई है।
दूसरा, मौद्रिक नीति और भू-राजनीतिक अनिश्चितता। अमेरिकी फेड द्वारा ब्याज दरों में ढील और 2026 में आगे कटौती की उम्मीदों ने चांदी जैसी बिना ब्याज देने वाली संपत्तियों को आकर्षक बनाया है। इसके अलावा, टैरिफ नीतियों, रूस-यूक्रेन संघर्ष और अन्य वैश्विक तनावों के बीच सुरक्षित निवेश विकल्प के रूप में चांदी की मांग बढ़ी है।
तीसरा, औद्योगिक और निवेश मांग। सोलर पैनल, इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिक वाहन और उच्च तकनीक से जुड़े क्षेत्रों में चांदी का व्यापक उपयोग होता है। 2025 में नवीकरणीय ऊर्जा के विस्तार, इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती हिस्सेदारी और वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन में तेजी के चलते औद्योगिक मांग में उल्लेखनीय इजाफा हुआ है, जिसने चांदी की कीमतों को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। Gold-Silver Price Today















