लखनऊ (एजेंसी)। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने केन्द्र सरकार से तीन कृषि कानूनों को चालू सत्र में ही रद्द करने की मांग की है। सुश्री मायावती ने शुक्रवार को कहा कि सरकार किसानो के प्रति अड़ियल रवैया अख्तियार कर रही है जो दुख:द है। कृषि कानूनों को लेकर किसान लंबे समय से आंदोलित है। सरकार को किसानो के हमदर्दी बरतते हुये कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला संसद के मानसून सत्र में ही करना चाहिए। उन्होने ट्वीट किया, ‘किसानों के प्रति सरकारों को अहंकारी ना होकर बल्कि संवेदनशील व हमदर्द होना चाहिए। किन्तु दु:ख यह है कि तीन कृषि कानूनों को रद्द करने को लेकर काफी लंबे समय से किसान यहाँ आंदोलित है अब ये जंतरमंतर पर किसान संसद लगाए हैं केन्द्र चालू सत्र में ही इनको रद्द करें। बीएसपी की यह माँग।
जंतर-मंतर पर कृषि कानूनों के विरोध में किसान कर रहे हैं प्रदर्शन
कृषि सुधार कानूनों के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से कल यहां जंतर-मंतर पर ‘किसान संसद’ का आयोजन किया गया जिसमें अपनी मांगे पूरी होने तक आन्दोलन जारी रखने का संकल्प व्यक्त किया गया। किसान नेता योगेन्द्र यादव ने कहा कि केन्द्र सरकार किसान विरोधी है और वह किसानों का अपमान करती है। उन्होंने कहा कि यह किसान संगठनों का आन्दोलन है जिनमें से कुछ राजनीतिक विचारधारा भी रखते हैं। ऐसा देश में पहली बार हुआ है जब वोटर ने ह्विप जारी किया है। उन्होंने कहा कि सरकार कहती कुछ है और करती कुछ है।
आन्दोलनकारी किसानों को सरकार यदि मुट्ठीभर समझती है तो उसकी निगरानी के लिए 30-40 हजार पुलिसकर्मियों को क्यों लगाया गया। किसान नेता मंजीत सिंह राय ने कहा कि कृषि सुधार कानून किसानों के मौत का वारंट है जिस पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता। करीब 200 किसान जंतर-मंतर पर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच जंतर-मंतर लाया गया जहां किसान संसद का आयोजन किया गया।
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