Online Gaming Regulation Bill: मुंबई। केंद्र सरकार ने बुधवार को लोकसभा में ऑनलाइन वास्तविक धन आधारित गेमिंग (Real-Money Gaming) पर रोक लगाने से संबंधित एक महत्वपूर्ण विधेयक पेश किया। इस “ऑनलाइन गेमिंग (नियमन एवं प्रतिबंध) विधेयक, 2025” का उद्देश्य उन खेलों पर नियंत्रण करना है, जिनमें लोग आर्थिक लाभ की उम्मीद में धन का दांव लगाते हैं। Online Gaming Bill
बिना वारंट तलाशी और गिरफ्तारी का प्रावधान
विधेयक के अनुसार, सरकार द्वारा अधिकृत अधिकारी किसी भी स्थान पर प्रवेश कर सकते हैं और संदेह होने पर बिना वारंट के तलाशी अथवा गिरफ्तारी कर सकते हैं। “स्थान” की परिभाषा में भवन, वाहन, कंप्यूटर संसाधन, वर्चुअल डिजिटल स्पेस, इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड तथा स्टोरेज डिवाइस तक को शामिल किया गया है। आवश्यकता पड़ने पर अधिकारी सुरक्षा कोड अथवा एक्सेस कंट्रोल को दरकिनार कर सीधे इन संसाधनों तक पहुँच सकते हैं।
विज्ञापन और लेनदेन पर रोक
ड्राफ्ट बिल के अंतर्गत ऑनलाइन मनी गेमिंग सेवाओं के विज्ञापन, प्रचार-प्रसार और प्रायोजन (सponsorship) को पूरी तरह निषिद्ध कर दिया जाएगा। साथ ही बैंकों एवं वित्तीय संस्थानों को इन प्लेटफॉर्म से किसी भी प्रकार के लेनदेन की अनुमति नहीं होगी।
कर राजस्व पर प्रभाव
वर्तमान में ऐसे खेलों पर 28 प्रतिशत वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू है, जिसे बढ़ाकर 40 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह प्रतिबंध लागू होता है तो सरकार को 20,000 करोड़ रुपये से अधिक कर राजस्व का नुकसान हो सकता है।
सरकार का तर्क
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने स्पष्ट किया कि ये गेमिंग प्लेटफॉर्म अक्सर व्यसन और बाध्यकारी प्रवृत्ति को बढ़ावा देते हैं। इसका परिणाम आर्थिक बर्बादी, मानसिक तनाव, अपराध और धोखाधड़ी के रूप में सामने आता है।
दंडात्मक प्रावधान
विधेयक के तहत, ऑनलाइन मनी गेमिंग की पेशकश करने, बढ़ावा देने या इसमें संलिप्त पाए जाने पर तीन वर्ष तक की कैद और एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। ऐसे खेलों के विज्ञापन या प्रायोजन करने वालों को दो वर्ष तक की कैद अथवा 50 लाख रुपये तक का जुर्माना भुगतना पड़ सकता है। Online Gaming Bill
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