जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि वन्दे मातरम् के 150 वर्ष पूरे होना केवल एक ऐतिहासिक क्षण नहीं, बल्कि राष्ट्रभावना के उस अद्भुत गीत का सम्मान है जिसने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान करोड़ों देशवासियों को एकजुट किया। उन्होंने कहा कि यह गीत हमारी चेतना, हमारी सांस्कृतिक आत्मा और मातृभूमि के प्रति अटूट भक्ति का प्रतीक है। Rajasthan News
मुख्यमंत्री सवाई मानसिंह स्टेडियम में राष्ट्रगीत वन्दे मातरम् की 150वीं वर्षगांठ पर आयोजित राज्य स्तरीय समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जब बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय ने आनंदमठ में यह गीत रचा था, तब शायद वे भी नहीं जानते थे कि यह पंक्तियाँ हमारे स्वतंत्रता संग्राम का मूल स्वर बन जाएँगी। क्रांतिकारियों की प्रेरणा, एकता का आधार और स्वतंत्रता-यात्रा की धड़कन के रूप में वन्दे मातरम् ने भारतीयों में नई ऊर्जा जगाई।

उन्होंने कहा कि समय चाहे आज़ादी का संघर्ष रहा हो या आधुनिक भारत का निर्माण—वन्दे मातरम् सदैव देशभक्ति का सबसे मजबूत प्रतीक रहा है। गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा इसे पहली बार गाए जाने पर पूरा सभागार भावविभोर हो उठा था। आज भी यह गीत भारत की आत्मा में धड़कता है।
युवा पीढ़ी-राष्ट्र का भविष्य और विरासत की ध्वजवाहक | Rajasthan News
मुख्यमंत्री ने कहा कि युवा ही भारत की शक्ति और आशा हैं। उन्होंने कहा कि वन्दे मातरम् केवल गीत नहीं, बल्कि एक चेतना है जो युवा पीढ़ी को जिम्मेदारी, त्याग और राष्ट्रहित की ओर प्रेरित करती है। स्वतंत्रता सेनानियों ने फांसी के फंदे पर चढ़ते समय भी इसी गीत का जयघोष किया। अंग्रेजों ने इसे गाने पर प्रतिबंध लगाया था, क्योंकि यह गीत भारतीयों को एकजुट करता था। उन्होंने कहा कि इस गीत में भारतीयों को जोड़ने और कठिन परिस्थितियों में साहस देने की अद्भुत शक्ति है। यह राजनीतिक नारा नहीं, बल्कि आध्यात्मिक ऊर्जा का स्रोत है। राष्ट्रनिर्माण और विकसित भारत के सपने की दिशा में बढ़ते कदमों के पीछे भी इसी भावना की प्रेरणा है।

मुख्यमंत्री शर्मा ने बताया कि केंद्र सरकार ने 1 अक्टूबर से वन्दे मातरम् के 150वें वर्ष को राष्ट्रीय समारोह के रूप में मनाने का निर्णय लेकर ऐतिहासिक पहल की है। इसका लक्ष्य युवाओं, विद्यार्थियों और नागरिकों को राष्ट्रगीत की मूल भावना से जोड़ना है। उन्होंने कहा कि राजस्थान त्याग और शौर्य की धरती है, जहाँ के हर गांव और घर में वन्दे मातरम् की भावना जीवित है। Rajasthan News
युवाओं से देशभक्ति को कर्म में बदलने का आह्वान
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता का मूल्य तभी समझ आता है जब हम उसके इतिहास को जानें। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वन्दे मातरम् के हर शब्द का अर्थ समझें, इसे केवल गाएँ नहीं बल्कि अपनी जीवनशैली में उतारें। सोशल मीडिया की आंधी के बीच अपनी संस्कृति और मूल्यों से जुड़ना समय की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि देश को उन्नति के शिखर पर ले जाना प्रत्येक नागरिक का दायित्व है। उन्होंने कहा कि “हम भारत माता के पुत्र हैं, और राष्ट्रहित सर्वोपरि है।” प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश व प्रदेश में हर वर्ग को सशक्त करने वाला कार्य हो रहा है—चाहे वह युवा हों, किसान, महिला या मजदूर।
कार्यक्रम की झलक | Rajasthan News

- मुख्यमंत्री ने वन्दे मातरम् के 150 वर्ष पूरे होने पर आयोजित प्रदर्शनी का अवलोकन किया, जिसमें 1857 से स्वतंत्रता आंदोलन तक के नायकों की गाथाएँ प्रदर्शित की गई थीं।
- कार्यक्रम में प्रदेश के उभरते खिलाड़ियों का सम्मान किया गया। प्रसिद्ध गायक पीयूष पंवार ने देशभक्ति गीतों की प्रस्तुति दी।
- ड्रोन द्वारा पुष्पवर्षा, लोक कलाकारों की प्रस्तुतियाँ तथा स्टेडियम में भारत माता की जय और वन्दे मातरम् के उद्घोष ने पूरे वातावरण को उमंग से भर दिया। मुख्यमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत की शपथ भी दिलाई।















