
United Nations Security Council: संयुक्त राष्ट्र, रविवार। ईरान की परमाणु स्थलों पर अमेरिका द्वारा किए गए हवाई हमलों के विरुद्ध विश्व समुदाय में तीव्र प्रतिक्रिया देखने को मिली है। विशेष रूप से चीन, रूस, पाकिस्तान और अफगानिस्तान ने इन हमलों की कड़ी भर्त्सना की है। इस विषय पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक आपातकालीन बैठक भी रविवार को बुलाई गई, जिसमें युद्धविराम संबंधी प्रस्ताव पर चर्चा की गई। Iran nuclear attack
1. चीन: अमेरिका की साख को लगा आघात
संयुक्त राष्ट्र में चीन के स्थायी प्रतिनिधि फू कांग ने कहा कि ईरान पर अमेरिका के हमले से वाशिंगटन की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विश्वसनीयता को गहरा आघात पहुँचा है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इस स्थिति को नियंत्रित नहीं किया गया तो यह गंभीर रूप से बिगड़ सकती है। उन्होंने कहा, “ईरान को निशाना बनाना केवल एक देश को क्षति पहुँचाना नहीं, अपितु अमेरिका की विश्वसनीयता को भी नुकसान पहुँचना है। चीन इस आक्रामक कृत्य की घोर निंदा करता है और सभी पक्षों से तत्काल युद्धविराम की अपील करता है।”
2. रूस: ‘अमेरिका ने भानुमती का पिटारा खोल दिया’ | Iran nuclear attack
रूस के संयुक्त राष्ट्र राजदूत वसीली नेबेंजिया ने अमेरिका पर गम्भीर आरोप लगाते हुए कहा, “अमेरिका ने ऐसा कदम उठाया है जिससे समूचे क्षेत्र में अशांति और तबाही फैल सकती है।” उन्होंने अमेरिका की कार्रवाई को “गैर-जिम्मेदाराना और भड़काऊ” बताया तथा कहा कि रूस मध्यस्थता के लिए तैयार है, किंतु अमेरिका को कूटनीति में कोई रुचि नहीं है। नेबेंजिया ने चेतावनी दी कि यदि यह टकराव इसी प्रकार बढ़ता रहा तो मध्य पूर्व बड़े पैमाने पर संघर्ष और संभवतः वैश्विक परमाणु संकट की ओर बढ़ सकता है।
3. पाकिस्तान: कूटनीति ही एकमात्र मार्ग
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने ईरान के विरुद्ध अमेरिकी हमलों की कड़ी निंदा की और कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय कानून का स्पष्ट उल्लंघन है। इस्लामाबाद ने कहा, “ईरान पर हमले से क्षेत्र में तनाव और हिंसा की नई लहर उठ सकती है। इससे न केवल पश्चिम एशिया बल्कि पूरी दुनिया पर घातक प्रभाव पड़ सकता है।” प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन से बातचीत कर पाकिस्तान की चिंता और विरोध जताया।
4. अफगानिस्तान: क्षेत्रीय शांति को खतरा | Iran nuclear attack
अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय ने अमेरिका द्वारा ईरान की परमाणु सुविधाओं पर किए गए हमलों को अस्वीकार्य बताते हुए कहा कि इससे क्षेत्रीय संप्रभुता और स्थिरता को गंभीर खतरा उत्पन्न हुआ है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल कहर बल्खी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, “हम सभी पक्षों से आग्रह करते हैं कि वे कूटनीति को एक अवसर दें और सैन्य कार्रवाइयों से परहेज़ करें।”
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शनिवार देर रात तेहरान के प्रमुख परमाणु स्थलों को “नष्ट” करने का दावा किया है, और इस तरह वह 1979 की क्रांति के बाद से इस्लामी गणराज्य के खिलाफ सबसे बड़ी पश्चिमी सैन्य कार्रवाई में इजरायल के साथ शामिल हो गया है।
US Iran Attacks Updates: ईरानी परमाणु ठिकानों को लेकर अमेरिका का बड़ा दावा!