भाखड़ा डैम के दौरे के बाद मुख्यमंत्री की लोगों से अपील, घबराने की जरुरत नहीं, हालात नियंत्रण में

Bhagwant Mann
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि डैमों में पानी का स्तर खतरे के निशान से नीचे है

राज्य सरकार स्थिति पर पैनी नजर रख रही और पानी का स्तर खतरे के निशान से नीचे

  • बीते समय में सिंचाई विभाग भ्रष्ट तंत्र के लिए ‘कमाऊ पुत्र’ होता था परन्तु अब सब कुछ सुचारु किया जा रहा
  • भविष्य में ऐसी स्थिति से निपटने के लिए राज्य सरकार करेगी प्रस्ताव तैयार
  • भाखड़ा डैम के निर्माण के समय पर शहादत प्राप्त करने वाले शहीदों को श्रद्धाँजलि भेंट

नंगल/चंडीगढ़ (सच कहूँ/अश्वनी चावला)। मुख्यमंत्री भगवंत मान  (Bhagwant Mann) ने रविवार को कहा कि डैमों में पानी का स्तर खतरे के निशान से नीचे है और राज्य सरकार पूरी स्थिति पर निरंतर नजर रख रही है और हालात पूरी तरह काबू में हैं। बरसात के मद्देनजर स्थिति का जायजा लेने के लिए यहाँ पहुँचे मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार, जिला प्रशासन और भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड के अधिकारियों के साथ विस्तृत बातचीत की। उन्होंने कहा कि यह बड़ी राहत की बात है कि भाखड़ा डैम में पानी का स्तर अभी भी खतरे के निशान से नीचे है, इसलिए डैम से पानी छोड़ने की तत्काल

जरुरत नहीं है। भगवंत मान ने आगे बताया कि भाखड़ा डैम का खतरे का निशान 1680 फुट है, जबकि 23 जुलाई को डैम में पानी का स्तर 1653 फुट था। मुख्यमंत्री ने कहा कि घबराने की कोई जरुरत नहीं है क्योंकि पानी का स्तर खतरे के निशान से नीचे है। उन्होंने अधिकारियों को पानी के स्तर के बारे बाकायदा लोगों को जानकारी देने के लिए कहा जिससे कोई गलतफहमी पैदा न हो। उन्होंने कहा कि यह राहत वाली बात है कि मौसम विभाग की तरफ से आने वाले दिनों में बारिश न पड़ने की भविष्यवाणी की गई है, जिससे पानी का स्तर और घटेगा।

भगवंत मान (Bhagwant Mann) ने लोगों से अपील की कि अधिकारियों की ओर से पुष्टि किए बिना डैमों के फ्लड गेट खोलने या बाढ़ सम्बन्धी अफवाहों पर बिल्कुल विश्वास न किया जाए। मुख्यमंत्री ने मीडिया से अपील की कि वह बाढ़ संबंधी फर्जी खबरें चला कर दहशत पैदा करने की जगह रचनात्मक भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि 9, 10 और 11 जुलाई को इस क्षेत्र में भारी बारिश हुई, जो पिछले एक महीने में हुई कुल बारिश की अपेक्षा कहीं अधिक थी। भगवंत मान ने कहा कि समूची स्थिति पर मुकम्मल नजर रखने के लिए राज्य सरकार कोई कसर बाकी नहीं छोड़ेगी।

इस गंभीर स्थिति में भी राज्यनीति करने के लिए राज्यनैतिक विरोधियों पर बरसते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने नहरों की सफाई तक हर क्षेत्र में उल्लेखनीय काम किया है। उन्होंने कहा कि पिछले समय में सिंचाई और ड्रेनेज विभाग भ्रष्ट नेताओं और उनकी कठपुतलियों के लिए ‘कमाऊ पुत्र’ बन कर रह गया है। भगवंत मान ने कहा कि इन नेताओं ने ड्रेनेज और सिंचाई विभाग का पैसा अपने स्वार्थों के लिए निगल लिया। उन्होंने कहा कि विजीलैंस पहले ही इस विभाग में बड़े घपले की जांच कर रहा है।

मुख्यमंत्री ने (Bhagwant Mann) आगे कहा कि चाहे सही रकम का हिसाब लगाया जाना बाकी है परन्तु बाढ़ के कारण राज्य को लगभग एक हजार करोड़ रुपए का नुक्सान हुआ है। उन्होंने कहा कि इस नुक्सान का जमीनी मूल्यांकन स्थिति पर काबू पाने के बाद किया जाएगा और लोगों के एक-एक पैसे के नुक्सान का मुआवजा दिया जाएगा। भगवंत मान ने कहा कि लोगों के हुए नुक्सान की विस्तृत रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजी जाएगी और राज्य के लिए मुकम्मल राहत पैकेज की माँग की जाएगी।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य में ऐसी स्थिति से निपटने के लिए राज्य सरकार पहले ही एक प्रस्ताव तैयार कर रही है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में नहरों की चैनलाईजेशन यकीनी बनाई जाएगी और पानी के सभ्य प्रयोग के लिए नई नहर के निर्माण का प्रस्ताव भी तैयार किया जा रहा है। भगवंत मान ने कहा कि पानी के कुदरती बहाव को यकीनी बनाने के साथ-साथ लबालब भरीं नहरों की सफाई को भी राज्य सरकार की तरफ से पहली प्राथमिकता दी जाएगी।

मुख्यमंत्री ने (Bhagwant Mann) कहा कि पानी के तेज बहाव के कारण कई खेतों में धान की फसल तबाह हो गई है। उन्होंने कहा कि किसानों के हितों की रक्षा के लिए राज्य सरकार किसानों को धान की अधिक उपज देने वाली किस्मों की पनीरी मुहैया करवा रही है। भगवंत मान ने कहा कि वह पहले ही पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी, पनसीड, कृषि विभाग और दूसरों को इन किस्मों की पनीरी मुहैया करवाने के निर्देश दे चुके हैं।

एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार राज्य के नंगल और तटीय क्षेत्र के आसपास के क्षेत्रों को विश्व भर के सैलानियों को आकर्षित करने के लिए आदर्श पर्यटन स्थानों के तौर पर विकसित करने के लिए सख़्त यत्न कर रही है। भगवंत मान ने कहा कि इन इलाकों को पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित करने की अपार संभावना है, जिसके लिए हर संभव यत्न किए जाएंगे। उन्होंने अफसोस प्रकट किया कि राज्य सरकारों की लापरवाही के कारण विकास की रफ़्तार में इन क्षेत्रों को अब तक अनदेखा किया गया है।

परन्तु राज्य सरकार इन क्षेत्रों में पर्यटन की संभावनाओं का लाभ उठाने के लिए अथाह कुदरती सुंदरता वाले स्थानों की तरफ सैलानियों को आकर्षित करने के लिए ठोस प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री ने भाखड़ा डैम का भी दौरा किया और डैम में पानी की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने डैम के निर्माण के दौरान शहीदी प्राप्त करने वाले शहीदों को भी श्रद्धांजलि भेंट की। मुख्यमंत्री के साथ कैबिनेट मंत्री हरजोत बैंस, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव ए वेनू प्रसाद, सचिव सिंचाई विभाग कृष्ण कुमार और अन्य उपस्थित थे।

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