देहरादून (एजेंसी)। Court News: उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने निजी स्कूलों द्वारा मनमानी फीस वसूली से जुड़े मामले में कड़ा रुख अपनाया है। अदालत ने जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता को निर्देश दिए हैं कि इस मुद्दे का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए और अखबारों में प्रकाशन भी सुनिश्चित किया जाए, ताकि संबंधित निजी स्कूल अपना पक्ष न्यायालय के समक्ष रख सकें। पूर्व में हुई सुनवाई में अदालत ने प्रदेश के सभी स्कूल एसोसिएशन को पक्षकार बनाने और राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने के आदेश दिए थे। अब इस मामले की अगली सुनवाई 31 अक्टूबर को होगी।
देहरादून के अधिवक्ता जसविन्दर सिंह ने यह जनहित याचिका दायर की है। उन्होंने याचिका में आरोप लगाया कि देहरादून के कुछ निजी स्कूल ट्यूशन फीस के अलावा एडमिशन, यूनिफॉर्म, रजिस्ट्रेशन सहित कई तरह के अतिरिक्त शुल्क वसूल रहे हैं। वहीं, सरकार द्वारा वर्ष 2017 में तय किए गए मानकों के अनुसार, स्कूल एक बार प्रवेश के बाद दोबारा एडमिशन शुल्क नहीं ले सकते। कॉशन मनी के नाम पर कोई शुल्क नहीं लिया जा सकता। फीस वृद्धि केवल तीन साल्९ा में एक बार और अधिकतम 10% तक ही की जा सकती है। किसी भी समिति, न्यास, कंपनी या स्कूल को एडमिशन शुल्क या चंदा वसूलने का अधिकार नहीं है।
यह भी पढ़ें:– Punjab: इस कार्य में पंजाब पूरे देश में आया सबसे आगे, सीएम मान खुश