Animal Care Tips: भगत सिंह। भारत में ग्रामीण जीवन की रीढ़ गाय-भैंस और अन्य दुधारू पशु हैं। किसान और पशुपालक इन्हीं पर निर्भर रहते हैं। दूध से घर की जरूरतें पूरी होती हैं और आमदनी भी होती है। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि गाय या भैंस दूध कम देने लगती हैं। ऐसे हालात में चिंता बढ़ना स्वाभाविक है। बाजार में मिलने वाले महंगे टॉनिक या दवाओं की बजाय, आज भी देसी नुस्खे सबसे असरदार और सस्ते साबित होते हैं। नीचे एक ऐसा पारंपरिक घरेलू नुस्खा बताया गया है, जिसे अपनाने से दूध उत्पादन में तेजी से सुधार होता है। यह नुस्खा पीढ़ियों से किसान आजमाते आ रहे हैं और आज भी इसकी विश्वसनीयता बनी हुई है।
दूध कम होने के कारण | Animal Care Tips
गाय-भैंस का दूध अचानक कम होना कई वजहों से हो सकता है। इनमें प्रमुख कारण हैं:-
पाचन बिगड़ना – जब पशु का पेट सही से साफ न हो या पाचन तंत्र कमजोर हो जाए।
कमजोरी – लंबे समय तक पर्याप्त पौष्टिक चारा न मिलने पर शरीर कमजोर हो जाता है।
प्रसव के बाद थकावट – बच्चा होने के बाद कई बार पशु में थकान और कमजोरी आ जाती है।
चारे की कमी – अगर संतुलित मात्रा में हरा चारा, भूसा और दाना नहीं मिलेगा तो दूध घट सकता है।
मौसम का असर – ज्यादा गर्मी या सर्दी भी दूध की मात्रा पर असर डालती है।
देसी नुस्खे के लिए जरूरी सामग्री-
इस नुस्खे की खासियत यह है कि इसमें वही चीजें लगती हैं, जो घर-गृहस्थी में आमतौर पर मिल जाती हैं।
मेथी दाना
सौंफ
अजवाइन
काला नमक
सूखा आंवला पाउडर
हल्दी
गुड़
नुस्खा बनाने की विधि
1. सबसे पहले मेथी दाना, सौंफ और अजवाइन को हल्का सा भून लें।
2. इन्हें ठंडा करके बारीक पीस लें।
3. अब इसमें आंवला पाउडर, काला नमक और हल्दी पाउडर डालें।
4. अंत में गुड़ के छोटे-छोटे टुकड़े डालकर अच्छे से मिला लें।
5. इस मिश्रण को किसी हवा बंद डिब्बे में सुरक्षित रख लें।
खिलाने का तरीका
सुबह और शाम, खाने के बाद एक बड़ा चम्मच मिश्रण पशु को दें।
चाहें तो इसे चोकर या गुड़ में मिलाकर भी खिला सकते हैं।
गर्भवती पशु को यह मिश्रण दिन में केवल एक बार ही दें।
लगातार 3 से 7 दिन में असर दिखाई देने लगता है।
असर कैसे दिखता है?
पशु की भूख बढ़ेगी और पाचन दुरुस्त होगा।
शरीर में कमजोरी दूर होगी और ताकत आएगी।
धीरे-धीरे दूध की मात्रा बढ़ने लगेगी।
पशु चुस्त और ताजगी से भरपूर हो जाएगा।
हर सामग्री का फायदा
1. मेथी और सौंफ – पाचन को मजबूत बनाते हैं और दूध की गुणवत्ता सुधारते हैं।
2. अजवाइन – गैस, अपच और बदहजमी को दूर करती है।
3. काला नमक और हल्दी – शरीर को अंदर से साफ करते हैं और संक्रमण से बचाते हैं।
4. सूखा आंवला पाउडर – रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।
5. गुड़ – शरीर को ऊर्जा देता है और खून साफ करता है।
पशु की देखभाल भी जरूरी
सिर्फ नुस्खा ही काफी नहीं है, दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए पशु की देखभाल भी उतनी ही जरूरी है।
साफ पानी हमेशा उपलब्ध कराएं।
हरी घास, भूसा और दाने का संतुलित आहार दें।
पशु को खुला वातावरण और हल्की टहल जरूरी है।
रोज थोड़ी देर धूप में छोड़ें, इससे शरीर एक्टिव रहता है।
चाहें तो पशु को सौंफ और गुड़ का पानी पिला सकते हैं। इससे शरीर ठंडा रहता है और भूख खुलती है।
खर्च और फायदे
यह पूरा नुस्खा 50 से 100 रुपये में तैयार हो जाता है।
इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है।
असर तेज और टिकाऊ होता है।
दूध की मात्रा बढ़ने से सीधा किसान की आमदनी बढ़ती है।
परंपरा से जुड़ा नुस्खा
यह कोई नया फार्मूला नहीं है। गांवों में बुजुर्ग किसान और महिलाएं इसे पीढ़ियों से अपनाते आ रहे हैं। आज भी कई सफल पशुपालक इसी नुस्खे का इस्तेमाल करके दूध उत्पादन बढ़ाते हैं। अगर आपकी गाय या भैंस दूध कम देने लगी है, तो परेशान होने की जरूरत नहीं। महंगे सप्लीमेंट्स और दवाओं पर पैसा खर्च करने से बेहतर है कि यह देसी नुस्खा अपनाएं। नियमितता और थोड़ी देखभाल के साथ, आप देखेंगे कि 10 दिन के भीतर ही दूध की धार बढ़ने लगेगी।