नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा की साइबर सेल ने शेयर बाजार से जुड़ी एक बड़ी ठगी का पदार्फाश करते हुए दो मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरोह ने नकली आईपीओ फंडिंग और ऊँचे मुनाफे का लालच देकर देशभर के निवेशकों से लगभग 6.40 करोड़ रुपए हड़प लिए। पुलिस उपायुक्त, अपराध-चतुर्थ आदित्य गौतम के अनुसार गिरफ्तार आरोपियों की पहचान हल्द्वानी, उत्तराखंड निवासी मोहम्मद आसिम अली खान और पुणे, महाराष्ट्र निवासी रुशिकेश जयवंत कांबले के रूप में हुई है। जाँच में सामने आया कि आसिम अली के बैंक खाते में लगभग 66 लाख रुपए और कांबले के खातों में 6.71 लाख रुपए जमा हुए थे। दोनों के खाते 86 से अधिक राष्ट्रीय साइबर अपराध पोर्टल (एनसीआरपी) की शिकायतों से जुड़े पाए गए।
पुलिस के अनुसार आरोपी संगठित साइबर गिरोहों के लिए खाता प्रदाता का काम करते थे। वे बैंक खाते खोलकर उनसे जुड़ी चेकबुक, एटीएम कार्ड, इंटरनेट बैंकिंग और सिम कार्ड जैसी सारी सुविधाएँ गिरोहों को सौंप देते थे। इन खातों का इस्तेमाल ठगी से मिली रकम को इकट्ठा करने और अलग-अलग माध्यमों से घुमाने में किया जाता था ताकि मास्टरमाइंड सीधे पकड़ में न आ सकें। तकनीकी जाँच में यह भी पाया गया कि ठगी का बड़ा हिस्सा नकली निवेश एप जैसे सीबीसीएक्स के माध्यम से किया गया। पीड़ितों को सोशल मीडिया और व्हाट्सऐप पर निवेश समूहों में जोड़कर ऊंचे लाभ का झांसा दिया जाता था। जब लोग अपनी रकम वापिस मांगते, तो धोखेबाज उन्हें धमकाने और टालने लगते थे। अपराध शाखा के अनुसार इन गिरफ्तारियों से देशव्यापी साइबर ठगी में इस्तेमाल हो रहे दो बड़े मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क ध्वस्त हुए हैं। पुलिस अब शेष सहयोगियों और मास्टरमाइंड तक पहुँचने के प्रयास में जुटी है।